दलित और आदिवासियों का अपमान करने पर प्रधानमंत्री मांगे माफी या फिर देश को दें इस्तीफा : ललन सिंह

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर वे देश के दलितों, आदिवासियों और महिलाओं से माफी मांगे। पीएम मोदी के इस्तीफे और माफी की मांग जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने शनिवार को की। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का शिलान्यास हो या फिर अब उद्घाटन, दोनों अवसरों पर पीएम मोदी ने देश के दलितों, आदिवासियों और महिलाओं का अपमान किया है। शिलान्यास के समय देश में रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति थे जो दलित समुदाय से आते हैं और अब द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति हैं जो आदिवासी और महिला हैं। लेकिन पीएम मोदी ने हर अवसर पर दलित और आदिवासी को दरकिनार खुद ही शिलान्यास और अब उद्घाटन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के इस अपमान के लिए पीएम मोदी को माफी मांगना चाहिए। ललन सिंह ने कहा कि इन वर्गों के अपमान के लिए पीएम मोदी को इस्तीफा देना चाहिए लेकिन अगर वे इस्तीफा नहीं दे रहे हैं तो इन वर्गों से माफी मांगे। दरअसल, भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ललन सिंह पर कटाक्ष किया था कि जदयू ने नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला लिया है जो संसद का अपमान है। इसके लिए ललन सिंह को इस्तीफा देना चाहिए। ललन सिंह ने सुशील मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे मुंगेर लोकसभा की जनता के आशीर्वाद से सांसद चुने गए हैं। वहीं सुशील मोदी जरुर राज्यसभा का जुगाड़ कर संसद बने हैं। इसलिए इस्तीफा देना ही है तो सुशील मोदी को सोचना चाहिए कि वे क्यों जनता के बीच से निर्वाचित नहीं होते हैं। सुशील मोदी सिर्फ एक बार 2004 के लोकसभा चुनाव में जीते थे और उस दौरान उन्होंने इसके लिए क्या क्या किया था यह सब ललन सिंह को पता है। इसी दौरान ललन सिंह ने पीएम मोदी को निशाने पर लिया उन्हें दलितों, आदिवासियों और महिलाओं का अपमान करने वाला करार दे दिया।
ललन सिंह बोले, नीतीश कुमार दलितों, आदिवासियों और महिलाओं को सम्मान देने वाला नेता है
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हमेशा दलितों, आदिवासियों और महिलाओं को सम्मान देने वाला नेता बताते हुए ललन ने कहा कि जब रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाने की बात हुई तब जदयू एनडीए में नहीं थी। वाबजूद इसके दलित समुदाय से आने वाले रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी का नीतीश ने समर्थन किया था। इसी तरह से द्रौपदी मुर्मू को भी राष्ट्रपति बनाने का नीतीश ने समर्थन किया। उन्होंने भाजपा को चुनौती दी कि क्या उनमे यह साहस है कि वे नीतीश कुमार की तरह निर्णय ले सकें। नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करने का जदयू सहित 19 विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। इसी को लेकर जमकर सियासी बयानबाजी जारी है। भाजपा जहाँ विपक्ष के विरोध को लोकतंत्र विरोधी बता रही है वहीं विपक्षी दलों ने पीएम मोदी पर लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का अपमान करने का आरोप लगाया है।

About Post Author

You may have missed