दिवाली के बाद जहरीली हुई प्रदेश की हवा, पटना में सांस लेना मुश्किल, 339 के पार हुआ एक्यूआई
पटना। दिवाली के बाद बिहार की फिजा में रोशनी नहीं, बल्कि धुएं की चादर छा गई है। पटाखों की तेज आवाजें शांत हो गई हैं, लेकिन उनके प्रभाव ने प्रदेश की हवा को जहरीला बना दिया है। सोमवार और मंगलवार की सुबह पटना, गया, भागलपुर और दरभंगा जैसे बड़े शहर प्रदूषण और धुंध की परत में लिपटे नजर आए। लोगों को न केवल आंखों में जलन और गले में खराश महसूस हो रही है, बल्कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।
दिवाली के बाद प्रदूषण में उछाल
दिवाली की रात में लगातार हुई आतिशबाजी से वातावरण में भारी मात्रा में कार्बन, सल्फर और अन्य विषैले रासायनिक तत्व फैल गए। हवा की रफ्तार बेहद धीमी होने से ये प्रदूषक कण ऊपर नहीं उठ पाए और जमीन के पास ही फंसे रह गए। परिणामस्वरूप मंगलवार की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 339 के पार पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार, दिवाली के बाद हवा की गति 2 से 3 किलोमीटर प्रति घंटे तक सीमित रही। इतनी कम रफ्तार में धूल और धुआं ऊपर नहीं उठ पाते, जिससे वातावरण में प्रदूषण की परत बन जाती है। इस कारण न केवल दृश्यता पर असर पड़ा है, बल्कि शहरों की सुबह और शाम दोनों ही वक्त दमघोंटू महसूस हो रही है।
बिहार के प्रमुख शहरों की स्थिति
पटना में वायु गुणवत्ता का स्तर सर्वाधिक खराब पाया गया। यहां मंगलवार सुबह एक्यूआई 339 के पार दर्ज किया गया। गया, भागलपुर और दरभंगा में भी एक्यूआई 150 से 300 के बीच रहा। अधिकांश शहरों में हवा की गुणवत्ता ‘मॉडरेट’ से ‘पुअर’ और ‘वेरी पुअर’ श्रेणी तक गिर गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिवाली से पहले जहां हवा गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ थी, वहीं अगले ही दिन यह गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। बोर्ड के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।
स्वास्थ्य पर असर और चेतावनी
वायु में मौजूद सूक्ष्म धूलकण और गैसें शरीर के लिए जहरीले साबित हो सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि लगातार ऐसी हवा में सांस लेने से अस्थमा, खांसी, फेफड़ों के संक्रमण और हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है। कई शहरों में अस्पतालों में खांसी और सांस की तकलीफ की शिकायत लेकर मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि जरूरत न हो तो सुबह-सुबह की सैर या बाहर की गतिविधियां टाल दें। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को सुबह और शाम के समय घर के भीतर ही रहने की सलाह दी गई है। इस दौरान पानी का अधिक सेवन, मास्क का उपयोग और घरों में पौधों या शुद्धिकरण यंत्रों का इस्तेमाल उपयोगी रहेगा।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
भारतीय मौसम विभाग, पटना ने अपने ताजा पूर्वानुमान में कहा है कि फिलहाल हवा की धीमी गति के कारण यह स्थिति अगले कुछ दिनों तक बनी रह सकती है। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र से 25 अक्टूबर के आसपास हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इस बारिश से हवा में मौजूद धूल और रासायनिक कण नीचे बैठ जाएंगे, जिससे वातावरण में सुधार देखने को मिल सकता है। विभाग ने बताया है कि वर्तमान में बिहार का तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज हो रहा है। 20 अक्टूबर की सुबह तापमान पटना में 24.7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 33.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान में असमानता और हवा की कमी मिलकर प्रदूषण को और अधिक जटिल बना रही है।
नगर निगम और प्रदूषण बोर्ड की अपील
पटना नगर निगम और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों से प्रदूषण कम करने में सहयोग की अपील की है। निगम ने कहा है कि लोग अनावश्यक रूप से वाहन न चलाएं और खुले में कचरा जलाने से परहेज करें। शहर के कई क्षेत्रों में कचरा जलाने से निकलने वाला धुआं भी हवा की गुणवत्ता को और खराब कर रहा है। बोर्ड ने बताया कि वे लगातार शहरों में निगरानी बढ़ा रहे हैं और विशेष रूप से व्यस्त क्षेत्रों में मोबाइल एयरो क्वालिटी मॉनिटरिंग वैन तैनात की गई है। आने वाले दिनों में शहर की सड़कों की सफाई और धूल कम करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
समाज और नागरिकों की भूमिका
विशेषज्ञों का मानना है कि हवा की गुणवत्ता में सुधार तभी आएगा जब नागरिक स्वयं जिम्मेदारी निभाएं। यातायात का दबाव कम करने के लिए साझा या सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाया जाना चाहिए। इसके अलावा त्योहारों के दौरान पटाखों के उपयोग को सीमित करना, हरित उत्सवों को बढ़ावा देना और पेड़ लगाने जैसी पहल स्थायी समाधान साबित हो सकती हैं।
दिवाली के बाद बिहार की हवा जहरीली, लोगों को सावधान रहने की जरूरत
दिवाली के बाद बिहार की हवा जहरीली हो चुकी है। पटना जैसे शहरों में सांस लेना मुश्किल बनता जा रहा है। हवा में मौजूद सूक्ष्म कण और जहरीली गैसें स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं। हालांकि, मौसम विभाग द्वारा बताई गई हल्की वर्षा से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। तब तक नागरिकों को सावधानी बरतनी होगी और प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अपनी भूमिका निभानी होगी, ताकि आने वाले दिनों में फिर से बिहार की फिजा साफ और सुकूनदायक हो सके।


