October 28, 2025

सुपौल में भीषण हादसा, अनियंत्रित होकर पलटी बस, एक की मौत, दर्जन भर यात्री जख्मी

सुपौल। बिहार के सुपौल जिले में एक भीषण सड़क हादसा हुआ। त्रिवेणीगंज-पिपरा मुख्यमार्ग (एनएच-327ई) पर यात्रियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। हादसे में एक यात्री की मौत हो गई, जबकि दर्जनभर लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतक की पहचान त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के महेशुआ पंचायत वार्ड नंबर 11 निवासी 38 वर्षीय संतोष राम के रूप में की गई है।
हादसे का कारण: तेज रफ्तार बनी मुसीबत
बस त्रिवेणीगंज से सुपौल की ओर जा रही थी। रास्ते में बघला गांव के समीप चालक ने नियंत्रण खो दिया और बस तेज रफ्तार में एनएच 327ई से नीचे पानी भरे खेत में जा गिरी। हादसे का दृश्य इतना भयावह था कि बस पलटते ही यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और पानी में उतरकर बस के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने लगे। ग्रामीणों की तत्परता से कई यात्रियों की जान बचाई जा सकी। बाद में प्रशासन ने क्रेन और जेसीबी की मदद से बस को सीधा किया और घायलों को बाहर निकाला गया।
मृतक और घायलों की स्थिति
इस हादसे में संतोष राम की मौत हो गई। वह अपनी पत्नी मंजू देवी के साथ इलाज के लिए सुपौल जा रहे थे। मंजू देवी घायल हैं और उनका इलाज त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में चल रहा है। हादसे में घायल अन्य यात्रियों में पिपरा, राघोपुर, जदिया और त्रिवेणीगंज क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। घायलों में पिपरा थाना क्षेत्र के दीनापट्टी वार्ड 14 की 16 वर्षीय सरस्वती कुमारी, 22 वर्षीय कृष्ण कुमार ठाकुर, राघोपुर थाना क्षेत्र की 30 वर्षीय रबीना खातून, 7 वर्षीय मोहम्मद अरशद, जगतपुर वार्ड 11 की 6 वर्षीय आशु खातून, 45 वर्षीय ईद मोहम्मद, 40 वर्षीय सहनिया खातून, त्रिवेणीगंज की मंजू देवी, जदिया के लक्ष्मण मेहता (60 वर्ष), अजय कुमार (21 वर्ष) और राजा कुमार (30 वर्ष) शामिल हैं। सभी घायलों का इलाज जारी है, जिनमें कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही त्रिवेणीगंज एसडीपीओ विभाष कुमार और थानाध्यक्ष राकेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को एंबुलेंस से अनुमंडलीय अस्पताल भेजा गया, जबकि मृतक का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सुपौल सदर अस्पताल भेजा गया। बस को जब्त कर लिया गया है और पुलिस ने बताया कि चालक हादसे के बाद मौके से फरार हो गया। उसकी तलाश शुरू कर दी गई है और जल्द गिरफ्तारी की बात कही गई है।
सड़क जाम और प्रदर्शन
हादसे के बाद मृतक के परिजन और स्थानीय लोगों में गुस्सा फूट पड़ा। नाराज ग्रामीणों ने अनुमंडलीय अस्पताल के सामने एनएच 327ई को शव रखकर जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने दोषी चालक और बस मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग भी उठाई गई। काफी देर तक सड़क पर जाम लगा रहा, जिससे यातायात बाधित हो गया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की। काफी समझाने-बुझाने और उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद लोगों ने जाम समाप्त किया और यातायात व्यवस्था दोबारा सामान्य हो सकी।
लापरवाही से बढ़ते हादसे
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर लगातार हादसे हो रहे हैं, जिसका मुख्य कारण तेज रफ्तार और सड़क की खराब स्थिति है। कई बस चालक बिना नियंत्रण और अधिक यात्रियों के साथ गाड़ी चलाते हैं, जिससे ऐसे हादसे होते रहते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि सड़क पर गति सीमा लागू की जाए और नियमित जांच अभियान चलाया जाए ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की कार्यवाही
प्रशासन ने मृतक के परिवार को सरकार की ओर से मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। पुलिस ने बताया कि बस चालक की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि बस में आवश्यक सुरक्षा मानक पूरे थे या नहीं। सुपौल का यह हादसा एक बार फिर दिखाता है कि तेज रफ्तार और लापरवाही कैसे एक पल में कई परिवारों की जिंदगी बदल देती है। संतोष राम की मौत से उनका परिवार गहरे सदमे में है, वहीं घायल यात्रियों के परिजन अस्पताल में इलाज के लिए चिंतित हैं। प्रशासन ने राहत और जांच दोनों मोर्चों पर काम शुरू कर दिया है, लेकिन सवाल अब भी वही है—क्या सड़कों पर यह लापरवाही कब रुकेगी? यदि यातायात नियमों और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हुआ, तो ऐसे हादसे आगे भी लोगों की जान लेते रहेंगे।

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