October 28, 2025

असम में आर्मी कैंप पर आतंकवादियों का हमला, तीन जवान शहीद, इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी

तिनसुकिया। असम का तिनसुकिया जिला एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस उठा जब शुक्रवार देर रात आतंकवादियों ने सेना के कैंप पर अचानक हमला बोल दिया। यह हमला काकोपाथर क्षेत्र स्थित सेना की एक यूनिट पर किया गया, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आतंकियों की इस नापाक हरकत में सेना के तीन जवान घायल हो गए। हालांकि, भारतीय सेना की सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया के कारण एक बड़ा नुकसान टल गया।
हमला कैसे हुआ
सेना के सूत्रों के अनुसार, यह हमला शुक्रवार रात करीब 12 बजकर 30 मिनट पर हुआ। कुछ अज्ञात आतंकवादी एक चलती गाड़ी से काकोपाथर कंपनी कैंप की दिशा में आए और अचानक अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे। हमले का तरीका यह संकेत देता है कि यह एक योजनाबद्ध कार्रवाई थी। आतंकियों ने ऑटोमैटिक हथियारों से गोलीबारी की और अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। घटना के समय ड्यूटी पर मौजूद सैनिकों ने तुरंत मोर्चा संभाला और जवाबी फायरिंग की। हालांकि, उन्होंने पास के घरों और नागरिक इलाकों को नुकसान से बचाने के लिए संयम बरता। इस दौरान कुछ गोलियां सैनिकों के नजदीक आकर लगीं, जिससे तीन जवान घायल हुए। उन्हें तुरंत नजदीकी सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
हमले के तुरंत बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया। सेना ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। सेना के अधिकारी ने बताया कि यह इलाका असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास स्थित है, जिसके कारण आतंकवादियों के सीमा पार छिपने की संभावना भी जताई जा रही है। सर्च ऑपरेशन के दौरान सेना ने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में ड्रोन और ट्रैकर डॉग की मदद से तलाशी अभियान चलाया है। असम पुलिस और स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट पर रखा गया है। सीमावर्ती चौकियों को मजबूत किया गया है ताकि आतंकवादी राज्य की सीमा से बाहर न निकल सकें। सुरक्षा बलों ने कई संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी की है और कुछ स्थानीय लोगों से पूछताछ भी की जा रही है।
संभावित कारण और संदिग्ध संगठन
हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इसे पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय उग्रवादी संगठनों की हरकत मान रही हैं। सूत्रों का कहना है कि यह हमला उल्फा (यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम) या अन्य स्थानीय आतंकवादी गुटों का हो सकता है, जो समय-समय पर सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहे हैं। असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच का यह इलाका पहले भी उग्रवादी गतिविधियों के लिए जाना जाता रहा है।
स्थानीय लोगों में भय और प्रशासन की प्रतिक्रिया
हमले की खबर फैलते ही स्थानीय लोगों में डर का माहौल बन गया। रातभर गांवों में सन्नाटा पसरा रहा और लोग घरों में दुबक गए। काकोपाथर और आसपास के इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। सुबह होते ही सेना और पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें। जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी है। असम के पुलिस महानिदेशक ने घटना की जानकारी राज्य सरकार को दी और सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की। सेना के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
सेना की त्वरित प्रतिक्रिया और सतर्कता
इस हमले के बावजूद सेना की त्वरित और संयमित कार्रवाई की सराहना की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि अगर सैनिक तत्काल जवाबी कार्रवाई नहीं करते, तो नुकसान और भी ज्यादा हो सकता था। सेना ने न केवल आतंकवादियों को पीछे हटने पर मजबूर किया बल्कि पूरे क्षेत्र को सुरक्षित रखने में भी सफलता हासिल की। इस घटना ने यह एक बार फिर साबित किया कि सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय सेना हर समय चौकन्नी रहती है और किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
सुरक्षा व्यवस्था और आगे की जांच
सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की जांच में जुटी हैं कि आतंकवादी इस इलाके में कैसे पहुंचे और उन्हें स्थानीय स्तर पर किसी से मदद मिली या नहीं। मोबाइल नेटवर्क, सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय खुफिया सूत्रों के माध्यम से संदिग्धों की पहचान की जा रही है। इस क्षेत्र के सभी मार्गों पर सुरक्षा नाकेबंदी बढ़ा दी गई है ताकि कोई संदिग्ध व्यक्ति भाग न सके। सेना के अधिकारियों का कहना है कि जब तक आतंकवादियों को पकड़ा नहीं जाता, तब तक सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा। आसपास के जंगलों में विशेष दल लगातार निगरानी कर रहे हैं। असम के तिनसुकिया में हुआ यह हमला इस बात की याद दिलाता है कि पूर्वोत्तर भारत में शांति बहाली के बावजूद आतंकवादी संगठन अभी भी सक्रिय हैं और मौके की तलाश में रहते हैं। सेना और पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने जहां एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया, वहीं इस घटना ने सुरक्षा तंत्र को और भी चौकस रहने की चेतावनी दी है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सुरक्षा बल जल्द से जल्द आतंकियों को पकड़कर उन्हें कानून के हवाले करें। फिलहाल, इलाके में स्थिति नियंत्रण में है और सेना लगातार अपनी मुस्तैदी बनाए हुए है।

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