दरभंगा में भूमाफिया का आतंक; भाई-बहन को जिंदा जलाकर मार डाला, विरोध में सड़क पर उतरे लोग

दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले के नगर थाना क्षेत्र के जीएम रोड में बेखौफ भूमाफियाओं ने सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया। एक मकान पर जबरन कब्जा करने के लिए उन्होंने चार लोगों को जिंदा जला दिया। मरने वालों में एक गर्भवती महिला पिंकी झा भी शामिल थी। आग के कारण गर्भवती महिला की कोख में ही उसका आठ महीने का बच्चा मर गया था। यह घटना 10 फरवरी की है। पिंकी के भाई संजय के घर पर कब्जा करने के लिए भूमाफियाओं ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया था। अब इस घटना के विरोध में विपक्ष और सत्ताधारी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) एक साथ सड़क पर उतर गए हैं। घटना के विरोध में बुधवार को विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी हम एक साथ सड़क पर उतरे। विपक्षी पार्टियों का दरभंगा बंद असरदार दिखा। बंद समर्थकों ने शहर की सभी मुख्य सड़कों को जाम कर दिया। इससे आवागमन बाधित रहा। उन्होंने सड़क पर आगजनी की और धरने पर बैठ गए। बंद समर्थकों ने हत्यारों को गिरफ्तार करके फांसी देने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

40 लोगों पर FIR दर्ज, 8 गिरफ्तार
जमीन और मकान पर जबरन कब्जा करने के लिए भूमाफिया बुलडोजर लेकर पहुंचा था। आरोप है कि जब घरवालों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने उनके साथ मारपीट की गई। भूमाफिया के साथ आए लोगों ने न केवल पिंकी के घर में आग लगा दी बल्कि परिवार के लोगों पर भी पेट्रोल छिड़ककर जला दिया। घटना में चार सदस्य झुलस गए। वहीं गर्भवती पिंकी, उसके पेट में पल रहा आठ महीने का बच्चा, संजय झा की मौत हो गई। दो लोगों का पटना के पीएमसीएच अस्पताल में इलाज चल रहा है। वही मामले में नामजद अभियुक्त होने के बाद भी पुलिस अपराधी को गिरफ्तार करने के बदले आग लगने और लगाने की जांच में जुटी रही। इस बात से लोगों में नाराजगी है। हालांकि पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। वहीं भूमाफिया मौके पर अपनी जेसीबी छोड़कर फरार हो गए थे। इस मामले में अबतक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि 40 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। 13 लोगों की शिनाख्त हो गई है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। मुज्जफरनगर की फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से जरूरी सैंपल इकट्ठा करके उन्हें जांच के लिए भेज दिया है।
पीड़ित परिवार का पुलिस पर आरोप
मृतक संजय झा की बहन निक्की जो हादसे में झुलस गई थीं, उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। निक्की का कहना है कि घटना से एक दिन पहले जब शिवकुमार झा के गुंडे जेसीबी लेकर उनके मकान को ढहाने आए थे तब भी उन्होंने पुलिस से मदद मांगी थी लेकिन पुलिस ने लापरवाही बरती। यदि समय रहते पुलिस ने उन्हें सुरक्षा दी होती तो ना तो घर ढहता और ना ही आग लगने की घटना होती। उन्होंने कहा कि शिवकुमार झा आरोप लगा रहे हैं कि संजय झा ने खुद आग लगाई थी तो फिर वे फरार क्यों है। उन्हें सामने आना चाहिए।