कोरोना लॉक डाउन-तेजस्वी यादव ने सरकार के समक्ष रखें 13 विशेष मांग,तीन माह के बिजली बिल,स्कूल फीस माफ करने की भी मांग

पटना।कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते खतरों के मद्देनजर लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के बीच बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तेरह मांग किए है।जानकारी के मुताबिक बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या अब 50 के पार जा पहुंची हैं। राज्य में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार मुस्तैदी से स्थिति का सामना कर रही है।इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्विटर के माध्यम से सरकार को 13 मांगों के जरिए स्थिति से निपटने की सलाह दी है। तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार से 13 मांग की है।तेजस्वी ने सोशल मीडिया के जरिए इन मांगों का उल्लेख किया है। तेजस्वी की पहली मांग है कि अधिक से अधिक जांच केन्द्र बिहार सरकार स्थापित करे। पहले कम से कम हर प्रमंडल और फिर जिला में जांच केन्द्र हो।

 

तेजस्वी की दूसरी मांग यह है कि हाॅट स्पाॅट्स पर अधिक से अधिक लोगों का टेस्ट किया जाए। रैंडम टेस्ट किए जाए। उनकी तीसरी मांग यह है कि स्वास्थ्य कर्मियों को पर्याप्त जांच व सुरक्षा उपकरण सरकार मुहैया कराए। तेजस्वी की चौथी मांग के अनुसार जांच केन्द्र में तत्काल सारी सुविधा पहुंचे।पांचवी मांग में कहा गया है कि पर्याप्त वेंटिलेटर की व्यवस्था होनी चाहिए। राज्य सरकार से अपनी छुट्टी मांग में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने किसानों की समस्या को देखते हुए कहा है की किसानों को क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा यथाशीघ्र मिलना चाहिए

 

तेजस्वी की सातवें मांग के अनुसार तीन माह का बिजली बिल माफ किया जाना चाहिए। प्रदेश के छात्रों अभिभावकों की समस्या को देखते हुए तेजस्वी यादव ने आठवां मांग किया है की छात्रों की तीन माह की फीस माह हो। तेजस्वी की नौवीं मांग है की गैर राशन कार्डधारियों को भी आर्थिक सहायता मिले।दसवीं मांग यह है कि प्रवासी कामगारों तक राशन-भोजन की व्यवस्था हो।ग्यारहवें मांग के मुताबिक बेरोजगारों को विशेष आर्थिक सहायता भत्ता देने की है। अपने बारहवीं मांग में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि जनप्रतिनिधियों के अलावा उच्चाधिकारियों के वेतन में भी कटौती हो। तेजस्वी मांगो की सूची की सबसे आखिरी मांग है कि गरीबों और प्रवासी मजदूरों के राशन एवं राशि भुगतान में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हो।प्राथमिकता पर इसमें पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

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