केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के बयान पर मचा सियासी बवाल, तेजस्वी यादव बोले- भाजपा पिछड़ी जाति के पक्ष में नही
पटना । केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के बयान पर बिहार में सियासत बवाल मच गया है। उन्होंने कहा कि देश में केवल एससी/एसटी की ही जनगणना होगी, अन्य जातियों की नहीं।
इसपर बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा पिछड़ी जाति के पक्ष में नहीं। उन्हें आगे बढ़ने नहीं देना चाहती। ये बातें उन्होंने ट्वीटर अकाउंट पर लिखी हैं, उन्होंने केंद्र व बिहार भाजपा पर हमले किए।
उनका कहना है कि बिहार के दोनों सदनों में भाजपा जातीय जनगणना का समर्थन करती है, लेकिन संसद में बिहार के ही कठपुतली मात्र, पिछड़े वर्ग के राज्यमंत्री से जातीय जनगणना नहीं कराने की घोषणा करवाती है। केंद्र सरकार ओबीसी की जनगणना क्यों नहीं कराना चाहती?
भाजपा को पिछड़े/अतिपिछड़े वर्गों से इतनी नफरत क्यों है? वहीं दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने कहा कि जनगणना में जानवरों की गिनती होती है। कुत्ता-बिल्ली, हाथी-घोड़ा, शेर-सियार, साइकिल-स्कूटर सबकी गिनती होती है।
कौन किस धर्म का है, उस धर्म की संख्या कितनी है इसकी गिनती होती है लेकिन उस धर्म में निहित वंचित, उपेक्षित और पिछड़े समूहों की संख्या गिनने में क्या परेशानी है?
उनकी गणना के लिए जनगणना करने वाले फॉर्म में महज एक कॉलम जोड़ना है। उसके लिए कोई अतिरिक्त खर्च भी नहीं होना है। अर्थात सरकार पर कोई वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ेगा।
पिछड़े वर्गों के हित में तेजस्वी ने कहा कि जब तक पिछड़े वर्गों की वास्तविक संख्या ज्ञात नहीं होगी तो उनके कल्यानार्थ योजनाएं कैसे बनेगी?
उनकी शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बेहतरी कैसे होगी? उनकी संख्या के अनुपात में बजट कैसे आवंटित होगा? वो कौन लोग हैं जो नहीं चाहते कि देश के संसाधनों में से सबको बराबर का हिस्सा मिले?
जातीय जनगणना के लिए हमारे दल ने लंबी लड़ाई लड़ी है और लड़ते रहेंगे। यह देश के बहुसंख्यक यानि लगभग 65 फीसदी से अधिक वंचित उपेक्षित उपहासित प्रताड़ित वर्गों के वर्तमान और भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। मोदी सरकार पिछड़े वर्गों के हिंदुओं को क्यों नहीं गिनना चाहती? क्या उन पिछड़े वर्गों के 70-80 करोड़ लोग हिंदू नहीं है?