September 12, 2025

शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के कई ठिकानों पर निगरानी विभाग की छापेमारी, आय से अधिक संपत्ति का मामला, मचा हड़कंप

पटना। पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण के कई ठिकानों पर गुरुवार की सुबह विशेष निगरानी इकाई ने छापेमारी की। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में की जा रही है। शिक्षा विभाग में लंबे समय से कार्यरत वीरेंद्र नारायण पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। विशेष निगरानी इकाई द्वारा की जा रही इस कार्रवाई ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
छापेमारी का तरीका और जगहें
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी एक साथ कई स्थानों पर की गई। पटना, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर स्थित उनके आवासीय परिसरों के साथ-साथ कार्यालयों पर भी जांच चल रही है। पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में टीम ने दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण कागजात, संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और अन्य प्रमाण बरामद किए गए हैं। टीम द्वारा इन दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस तरह अवैध संपत्ति अर्जित की गई।
मामला दर्ज और प्रारंभिक जांच
वीरेंद्र नारायण के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई थाना में कांड संख्या 18/25, दिनांक 10 सितंबर 2025 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उन्होंने लगभग 3.75 करोड़ रुपये की संपत्ति अवैध रूप से अर्जित की। जांच में यह पाया गया कि उनकी आय के स्रोत और संपत्ति की जानकारी मेल नहीं खा रही है। इसके आधार पर ही निगरानी विभाग ने छापेमारी की कार्रवाई शुरू की है।
पद और कार्यकाल
वीरेंद्र नारायण वर्तमान में तिरहुत प्रमंडल, मुजफ्फरपुर में क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा वह इससे पहले जिला शिक्षा पदाधिकारी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। शिक्षा विभाग में उनकी लंबी सेवा अवधि के दौरान कई योजनाओं और परियोजनाओं का संचालन किया गया। अब उन पर लगे आरोपों ने विभाग की साख को प्रभावित किया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दस्तावेजों की जांच और आगे की प्रक्रिया
छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों की जांच से यह पता लगाया जाएगा कि अवैध संपत्ति किस स्रोत से आई। इसके साथ ही बैंक खातों, निवेश, संपत्ति के कागजात और अन्य वित्तीय लेनदेन की भी पड़ताल की जा रही है। विशेष निगरानी इकाई ने यह भी स्पष्ट किया है कि जांच में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम के साथ विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है।
शिक्षा विभाग में असर
इस मामले ने शिक्षा विभाग में हलचल मचा दी है। कई अधिकारी और कर्मचारी असमंजस की स्थिति में हैं। विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही, यह भी कहा गया कि जिन योजनाओं पर इसका असर पड़ सकता है, उन्हें सामान्य रूप से चलाए रखने की पूरी कोशिश की जाएगी।
आगे क्या होगा
अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी अभी जारी है और जांच पूरी होने के बाद ही विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। आने वाले दिनों में यह मामला और अधिक स्पष्ट होगा और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान भी की जा सकती है। शिक्षा विभाग को पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ काम करने की दिशा में यह कदम एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकता है। फिलहाल, निगरानी विभाग पूरी गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है और आगे की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

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