बिहार चुनाव की तैयारी में सुभासपा, 12 को पटना में अधिवेशन, 29 सीटों पर दावेदारी

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) भी सक्रिय हो गई है। पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने ऐलान किया है कि 12 सितंबर को पटना में उनकी पार्टी का बड़ा अधिवेशन आयोजित होगा। यह अधिवेशन न केवल सुभासपा के संगठन की मजबूती दिखाएगा, बल्कि आने वाले चुनाव में पार्टी की रणनीति और दिशा भी तय करेगा।
अधिवेशन का महत्व
ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि पटना में होने वाला अधिवेशन केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि यह पार्टी के कार्यकर्ताओं की शक्ति प्रदर्शन का अवसर बनेगा। इसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल होंगे। अधिवेशन के जरिए पार्टी जनता और गठबंधन सहयोगियों को यह संदेश देना चाहती है कि वह बिहार की राजनीति में एक अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
29 विधानसभा सीटों पर दावेदारी
चुनावी समीकरणों के बीच सुभासपा ने बिहार की 29 विधानसभा सीटों पर दावेदारी की है। ओमप्रकाश राजभर ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर इन सीटों की सूची सौंपी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सूची चुनावी समीकरण और सामाजिक आधार को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। हालांकि इससे पहले राजभर ने संकेत दिया था कि उनकी पार्टी 40 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, लेकिन चर्चाओं के बाद संख्या घटाकर 29 कर दी गई है।
बीजेपी से गठबंधन
सुभासपा ने साफ कर दिया है कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के साथ मिलकर मैदान में उतरेगी। राजभर ने कहा कि सुभासपा और बीजेपी के बीच संबंध मजबूत हैं और दोनों दल मिलकर चुनावी मोर्चे पर एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य बिहार में एनडीए की सरकार बनाना है ताकि राज्य में स्थिरता और विकास सुनिश्चित किया जा सके।
‘योगी मॉडल’ का जिक्र
ओमप्रकाश राजभर ने यह भी कहा कि यदि उनकी पार्टी सरकार का हिस्सा बनती है तो बिहार में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ‘योगी मॉडल’ लागू करने का प्रयास किया जाएगा। उनका मानना है कि इस मॉडल से कानून-व्यवस्था मजबूत होगी और विकास की गति तेज होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सुशासन और पारदर्शिता सुभासपा और बीजेपी की साझेदारी की मूल धुरी होगी।
संगठन की मजबूती
12 सितंबर का अधिवेशन सुभासपा के लिए संगठनात्मक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। इसमें पार्टी की रणनीति, कार्यक्रम और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होगी। कार्यकर्ताओं को चुनावी मोर्चे पर सक्रिय करने और बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा। राजभर ने कहा कि यह अधिवेशन पार्टी की ताकत और दिशा दोनों को स्पष्ट करेगा।
ओमप्रकाश राजभर की चुनावी तैयारी
ओमप्रकाश राजभर ने अपने बयान में संकेत दिया कि उनकी पार्टी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और पार्टी का हर सदस्य एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सुभासपा का प्रयास है कि वह न केवल सीटें जीते, बल्कि गठबंधन की समग्र सफलता में अहम भूमिका निभाए।
जनता के लिए संदेश
राजभर ने यह भी कहा कि सुभासपा और बीजेपी की साझेदारी से जनता को सीधा लाभ मिलेगा। बिहार में विकास कार्यों को गति मिलेगी और सशक्त नेतृत्व स्थापित होगा। उन्होंने दावा किया कि एनडीए की सरकार बनने पर रोजगार, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। बिहार चुनाव से पहले सुभासपा का अधिवेशन राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है। 29 सीटों पर दावेदारी और एनडीए के साथ गठबंधन की पुष्टि ने यह साफ कर दिया है कि सुभासपा चुनाव में एक सक्रिय खिलाड़ी बनेगी। ओमप्रकाश राजभर की रणनीति न केवल उनकी पार्टी को मजबूती देगी बल्कि बिहार की राजनीति में नए समीकरण भी गढ़ सकती है। अब देखना होगा कि एनडीए के भीतर सीट बंटवारे पर सहमति कितनी जल्दी बनती है और सुभासपा अपनी ताकत को किस हद तक वोटों में तब्दील कर पाती है।
