आरा में ट्रेन से कटकर छात्र की दर्दनाक मौत, रेलवे लाइन क्रॉस पार करने में हुआ हादसा
आरा। भोजपुर जिले के आरा-सासाराम रेलखंड पर शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें एक छात्र की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। घटना नवादा थाना क्षेत्र के जगदेव नगर लहठान भवन के पास की बताई जा रही है। मृतक छात्र की पहचान बहोरनपुर निवासी अनिल राय के पुत्र हिमांशु राय के रूप में हुई है। हिमांशु आरा में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई करता था और शनिवार की शाम कोचिंग से लौटते वक्त यह हादसा हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हिमांशु रोज की तरह अपनी कोचिंग खत्म कर घर लौट रहा था। रास्ते में उसने रेलवे लाइन पार करने की कोशिश की। उसी दौरान सासाराम की ओर से आ रही ट्रेन अचानक नजदीक आ गई। जब तक वह संभल पाता, ट्रेन की चपेट में आ गया। तेज रफ्तार ट्रेन से झटका लगने के कारण वह गंभीर रूप से घायल होकर पटरी के किनारे जा गिरा। आसपास मौजूद लोगों ने जब यह दृश्य देखा तो मौके पर अफरातफरी मच गई। हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और घायल छात्र को आनन-फानन में आरा सदर अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर परिजन भी अस्पताल पहुंचे, जहां बेटे का शव देखकर मां नीतू देवी और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। अस्पताल का माहौल मातम में बदल गया। फुफेरे भाई नीतीश प्रधान ने बताया कि हिमांशु पढ़ाई में बहुत अच्छा था और वह रोजाना कोचिंग जाता था। शनिवार को भी वह सामान्य रूप से क्लास खत्म कर लौट रहा था, लेकिन दुर्भाग्यवश रेलवे लाइन पार करते समय हादसा हो गया। नीतीश ने बताया कि हिमांशु तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था और परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी दो छोटी बहनें — छोटी और पार्वती — हैं। पिता अनिल राय तेलंगाना के सिकंदराबाद में प्राइवेट गार्ड की नौकरी करते हैं और बेटे की पढ़ाई का खर्च वहीं से भेजते थे। जैसे ही पिता अनिल राय को बेटे की मौत की खबर मिली, वे हैरान रह गए। उन्होंने फोन पर परिजनों से केवल इतना कहा, “अब घर लौटने का कोई मतलब नहीं रहा, मेरा सब कुछ चला गया।” गांव बहोरनपुर और आरा दोनों जगहों पर शोक की लहर दौड़ गई। मृतक छात्र के पड़ोसियों और सहपाठियों ने बताया कि हिमांशु एक होनहार और अनुशासित छात्र था। वह इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था और उसके सपने बहुत बड़े थे। हर कोई उसकी मेहनत और लगन की तारीफ करता था। उसकी असमय मौत ने परिवार ही नहीं, पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। सूचना मिलने पर नवादा थाना पुलिस भी अस्पताल पहुंची और आवश्यक कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण रेल दुर्घटना है और ऐसा प्रतीत होता है कि छात्र ट्रेन की रफ्तार का अंदाजा नहीं लगा पाया। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस जगह यह हादसा हुआ है, वहां अक्सर लोग पटरियां पार करते हैं क्योंकि पास में कोई पैदल ओवरब्रिज या सुरक्षित क्रॉसिंग नहीं है। लोगों ने रेल प्रशासन से आग्रह किया है कि इस क्षेत्र में अंडरपास या फुट ओवरब्रिज का निर्माण कराया जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। घटना के बाद से जगदेव नगर इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर कोई इस मासूम छात्र की मौत से व्यथित है। परिवार में मातम का माहौल है, मां और बहनों की चीख-पुकार सुनकर लोगों की आंखें नम हो गईं। यह हादसा एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि रेलवे पटरियों को पार करते समय लापरवाही कितनी जानलेवा साबित हो सकती है। प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी इस दिशा में सतर्क रहना होगा, ताकि ऐसी त्रासद घटनाएं दोबारा न हों। हिमांशु की मौत ने न केवल उसके परिवार के सपनों को तोड़ दिया, बल्कि यह भी याद दिला गई कि एक पल की असावधानी कितनी बड़ी कीमत वसूल सकती है।


