अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके, घरों से बाहर निकले लोग, 4.9 की तीव्रता

नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। शुक्रवार, 21 फरवरी की रात, अफगानिस्तान की धरती 4.9 तीव्रता के भूकंप से कांप उठी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप रात 1 बजे आया था, जिसका केंद्र जमीन से 160 किलोमीटर नीचे था। भूकंप के तेज झटकों के कारण लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस घटना से अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।
रात के समय भूकंप से दहशत
भूकंप के झटके काफी तेज थे, जिससे लोगों में घबराहट फैल गई। देर रात आए इस भूकंप के कारण लोग आनन-फानन में अपने घरों से बाहर भागे, ताकि अपनी जान बचा सकें। कई लोगों ने महसूस किया कि उनकी इमारतें तेज़ी से हिल रही हैं, जिससे भय का माहौल बन गया।
भूकंप की गहराई और प्रभाव
भूकंप विज्ञानियों के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 160 किलोमीटर की गहराई में था। आमतौर पर, अधिक गहराई में आने वाले भूकंप सतह तक पहुंचते-पहुंचते अपनी तीव्रता खो देते हैं, जिससे उनका असर थोड़ा कम हो जाता है। इसके विपरीत, जब भूकंप की गहराई कम होती है, तो उसकी ऊर्जा सतह के पास ही फैलती है, जिससे अधिक नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। इस बार भूकंप गहरे स्तर पर आया था, इसलिए इसका प्रभाव तुलनात्मक रूप से कम रहा।
अफगानिस्तान में लगातार आ रहे भूकंप
अफगानिस्तान में भूकंप आना कोई नई बात नहीं है। 13 मार्च को भी यहां 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था, जबकि इससे पहले 9 फरवरी को भी 4.1 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे। लगातार भूकंप आने का कारण इस क्षेत्र की भूगर्भीय स्थिति है।
अफगानिस्तान का भौगोलिक स्थान और भूकंप की संवेदनशीलता
अफगानिस्तान भूकंप की दृष्टि से एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि यह हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला के पास स्थित है। इस इलाके में यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती रहती हैं। इन प्लेटों के टकराने के कारण पृथ्वी की सतह के नीचे भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे बार-बार भूकंप आते हैं।
भूकंप के दौरान सतर्कता जरूरी
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसका पूर्वानुमान लगाना मुश्किल होता है। ऐसे में लोगों को भूकंप के दौरान सतर्कता बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप आने पर तुरंत खुले स्थान पर जाना चाहिए और ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों और भारी सामानों से दूर रहना चाहिए। घर में सुरक्षित स्थानों जैसे टेबल या मजबूत फर्नीचर के नीचे शरण लेना भी एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है। अफगानिस्तान में बार-बार आने वाले भूकंप वहां के लोगों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। हालांकि, इस बार आए भूकंप से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह भविष्य के लिए एक चेतावनी हो सकती है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को भूकंप से बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में नुकसान को कम किया जा सके।

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