विशेष राज्य का दर्जा बिहार का अधिकार : वशिष्ट नारायण सिंह

पटना। आज बिहार जदयू के पूर्व अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह के आरा शहर पहुंचने पर जगह-जगह उनका जोरदार स्वागत हुआ। वही इस दौरान वो पार्टी के कार्यकर्ताओं व साथियों से भी मिले। अपने साथी और कार्यकर्ताओं के साथ लोकनायक जयप्रकाश नारायण की मूर्ति पर उन्होंने माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। वही इस दौरान उन्होंने आरा सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम 2013 से ही विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे है, लेकिन नीति-निधारकों द्वारा अब तक इस ओर ध्यान न देना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत का डंका देश और दुनिया में बज रहा है, पर क्या देश के समावेशी विकास के बगैर यह संभव है? हरियाणा के प्रति व्यक्ति आय 2.95 लाख व बिहार की महज 54 हजार 383 रुपए। क्या क्षेत्रीय विषमता की ये प्रकाष्ठा नहीं है? ऐसे में बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग गलत कैसे? वशिष्ठ नारायण सिंह ने आगे कहा कि विशेष राज्य का दर्जा पाने के लिए 5 मूलभूत शर्त है- 1. अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ा होना 2. आर्थिक और अधोसंरचनात्मक पिछड़ापन 3. राजकीय वित्त व्यवस्था की कमजोर स्थिति, 4. पर्वतीय भूक्षेत्र 5. निम्न जनसंख्या घनत्व। कहने की जरूरत नहीं है कि बिहार पहली 3 शर्तों को पूरा करता है। जहां तक चैथी शर्त की बात है, बिहार भले ही पर्वतीय भूक्षेत्र के मापदंड को पूरा नहीं करता है, लेकिन बिहार का एक बड़ा भूक्षेत्र नेपाल से निकलने वाली नदियों की बाद से नियमित रूप से क्षतिग्रस्त होता है। वही इसी तरह, पांचवी शर्त को देखें तो बिहार भले ही निम्न जनसंख्या घनत्व से पीड़ित नहीं हो, लेकिन राज्य का जनसंख्या घनत्व देश में सर्वाधिक 1307 व्यक्ति की है जो जमीन की औसत वहन क्षमता से बहुत अधिक है। ऐसे में बिहार अगर अपने लिए विशेष राज्य का दर्जा मांग रहा है तो इसमें गलत क्या है? उन्होंने आगे कहा की बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राजस्व के लगभग 67 प्रतिशत झारखंड चले गए और बिहार में महज 33 प्रतिशत। जबकि, आबादी के मामले में बिहार के हिस्से तब की कुल आबादी का 65 प्रतिशत आया व झारखंड के हिस्से में मात्र 35 प्रतिशत करने और कल कारखाने प्रचुर खनिज सम्पदा झारखंड को मिले सो अलग। वही इस मौके पर पूर्व विधायक रमाकांत ठाकुर, ददन यादव, बरमेश्वर, प्रो. सत्यनारायण सिंह, कामेश्वर कुशवाहा, नाथूराम जी, साहिल, प्रो. नीरज कुमार, पार्टी के प्रदेश महासचिव मो. सैयद नजम इकबाल उपस्थित रहे।

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