सॉल्वर गैंग के सरगना PK व जीजा रितेश 7 दिन की रिमांड पर, कई गुर्गों पर कसेगा शिकंजा, कई और नाम आएंगे सामने

वाराणसी। नीट में सॉल्वर के जरिये पास करने वाले मामले के मुख्य आरोपित पटना में पाटलीपुत्र के पीके उर्फ प्रेम कुमार उर्फ निलेश कुमार और उसके बहनोई रितेश कुमार सिंह की सात दिन की कस्टडी रिमांड कोर्ट ने मंजूर कर ली। अपर सिविल जज जूनियर डिविजन शक्ति सिंह ने शनिवार 11 बजे से 26 नवंबर तक की कस्टडी रिमांड पर लेने का आदेश दिया। आदेश के बाद पुलिस ने दोपहर दो बजे पीके और रितेश को अपनी कस्टडी में ले लिया। पुलिस ने 10 दिन के रिमांड की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने सात दिन की अर्जी मंजूर की। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि पीके और रितेश से पूछताछ के लिए पुलिस टीम गठित की गई है। इसमें एडीसीपी वरुणा प्रबल प्रताप सिंह, एसीपी सारनाथ ज्ञानप्रकाश राय, सारनाथ पुलिस टीम मौजूद है।
कई गुर्गों पर शिकंजा कसेगा
बिहार, उत्तराखंड व यूपी में कई वर्षों से सक्रिय सॉल्वर गैंग के मास्टरमाइंड पीके एवं उसके जीजा रितेश कुमार की यूपी के वाराणसी में गिरफ्तारी के बाद वाराणसी पुलिस को गिरोह के बारे में कई अहम जानकारियां मिली हैं। सूत्रों की मानें तो जल्द ही वाराणसी की क्राइम ब्रांच टीम पटना व सारण में छापामारी कर सकती है। वाराणसी पुलिस की जांच से गिरोह से जुड़े कई गुर्गों पर शिकंजा कसेगा।
दूसरी परीक्षाओं में भी धांधली से उठ सकता है पर्दा
पीके अपने बहनोई रितेश कुमार सिंह के सहयोग से बिहार की कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पर्चा आउट करा चुका है। यूपी में भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंधमारी कर उसने पर्चा आउट कराने से लेकर साल्वर के जरिये अभ्यर्थियों को परीक्षाएं पास कराई हैं। पूछताछ में इन सारी चीजों से भी पर्दा उठेगा।
गिरोह में शामिल बहन के बारे में भी पूछताछ
पीके की बहन और रितेश की पत्नी डॉ. प्रिया के बारे में भी पुलिस पूछताछ करेगी। वह भी इस गिरोह में शामिल है। रितेश पटना सचिवालय के कला संस्कृति एवं युवा विभाग में उच्चवर्गीय लिपिक के पद पर तैनात रहा है, जबकि उसकी पत्नी डॉ. प्रिया की तैनाती छपरा के नगरा ब्लॉक पीएचसी में संविदा पर बताई गई है। प्रिया ने वर्ष 2019 में पटना के आईजीआईएमएस से एमबीबीएस की डिग्री ली है। माना जा रहा है कि वाराणसी पुलिस डॉ. प्रिया पर भी कड़ा शिकंजा जल्द कसेगी।
कई और नाम सामने आएंगे
पीके के गिरोह का नेटवर्क यूपी और बिहार तक ही नहीं बल्कि त्रिपुरा, कर्नाटक, प. बंगाल, झारखंड, मध्यप्रदेश आदि प्रदेशों तक फैला हुआ है। पूछताछ में इस नेटवर्क से जुड़े दूसरे शातिरों के नाम सामने आने की संभावना है।
जूली के पकड़े जाने के बाद हुआ था भंडाफोड़
बीते 12 सितंबर को सारनाथ के एक परीक्षा केंद्र पर त्रिपुरा की हिना विश्वास की जगह बीएचयू की बीडीएस की छात्रा व पटना के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के संदलपुर की रहने वाली जूली कुमारी को परीक्षा देते पकड़ा गया था। इसके बाद एक-एक कर कई गिरफ्तारियां हुईं और पता चला कि मास्टरमाइंड पीके है। इसके बाद पुलिस की टीम पीके की तलाश में बिहार, कर्नाटक, त्रिपुरा तक छापेमारी करती रही। पीके के खिलाफ कोर्ट से एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था।
शातिरों की संपत्ति पर भी चलेगा हथौड़ा
वाराणसी पुलिस पीके समेत गिरोह से जुड़े नौ शातिरों को अब तक गिरफ्तार कर सकी है। इन सभी शातिरों की संपत्ति का ब्योरा ले रही है। माना जा रहा है कि पुलिस इन शातिरों की संपत्ति को जब्त करने की भी कार्रवाई कर सकती है।

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