October 31, 2025

दरभंगा में गरजे तेजस्वी, कहा- जब लालू आडवाणी से नहीं डरे, तो मैं क्या शाह से डरूंगा, जनता जवाब देगी

दरभंगा। बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल में हर राजनीतिक दल जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटा है। इसी कड़ी में महागठबंधन के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दरभंगा जिले के गौड़ाबौराम विधानसभा क्षेत्र के कोठराम में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। यह जनसभा वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार संतोष सहनी के समर्थन में आयोजित की गई थी, जिसमें वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी मौजूद रहे। इस दौरान तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार और विशेष तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा हमला बोलते हुए अपने भाषण को बेहद आक्रामक अंदाज में रखा।
अमित शाह पर सीधा वार
तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन की शुरुआत भाजपा और एनडीए सरकार की नीतियों की आलोचना से की। उन्होंने कहा कि अमित शाह अक्सर धमकी भरे अंदाज में कहते हैं कि विपक्ष को ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि आगे चुनाव लड़ने से पहले दस बार सोचना पड़ेगा। तेजस्वी ने इस बयान को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा कि वह किसी की धमकी से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब उनके पिता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी के बड़े नेता लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार किया था, तब भी वे पीछे नहीं हटे थे। ऐसे में एक बेटे के तौर पर वह भी किसी दबाव या डर की राजनीति से प्रभावित नहीं होंगे। उनका कहना था कि लोकतंत्र में धमकियों की जगह जनता की आवाज को सुनने की जरूरत होती है।
जनता और जमीन के मुद्दों पर केंद्रित भाषण
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि बिहार की उन समस्याओं से है, जिनसे आम लोग वर्षों से जूझ रहे हैं। उन्होंने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि युवा लगातार नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें बिहार छोड़कर अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है। मजदूरों और छात्रों की इस विवशता पर उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। तेजस्वी ने कहा कि बिहार की धरती प्रतिभाओं से भरी है, लेकिन सरकार की नीतियों और अवसरों की कमी की वजह से युवाओं को अपनी पहचान साबित करने दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर सत्ता में आने का मौका मिला, तो वह इस पलायन पर रोक लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे।
हर घर में सरकारी नौकरी का वादा
सभा के दौरान तेजस्वी यादव ने अपने एक प्रमुख चुनावी वादे को दोहराया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनते ही हर घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने जनता से पूछा कि यदि उनके घर के बेटे या बेटी को यहीं पर नौकरी मिल जाए, तो उन्हें किसी अन्य शहर या राज्य की ओर क्यों जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह केवल वादा नहीं, बल्कि उनकी प्रतिबद्धता है, जिसे वह पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी नौकरियों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे, ताकि गांवों में ही उद्योग और छोटे व्यवसाय विकसित हों। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा और लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा।
गौड़ाबौराम की जनता से अपील
भाषण के अंतिम हिस्से में तेजस्वी यादव ने स्थानीय जनता से अपील की कि वे इस बार महागठबंधन को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल सरकार बदलने का नहीं, बल्कि बिहार की दिशा और दशा बदलने का है। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए केवल आरोपों की राजनीति करते हैं, जबकि महागठबंधन विकास की बात करता है। उन्होंने जनता से महागठबंधन के उम्मीदवार संतोष सहनी को समर्थन देने की अपील की और कहा कि वह क्षेत्र की समस्याओं को समझते हैं और सही तरीके से जनता की आवाज को विधानसभा में उठा सकेंगे। दरभंगा की यह सभा चुनावी लड़ाई के बढ़ते तापमान का साफ संकेत देती है। तेजस्वी यादव ने इस जनसभा में स्पष्ट रूप से यह संदेश देने की कोशिश की कि उनकी राजनीति भय और धमकी से नहीं, बल्कि रोजगार, विकास और जनता के अधिकारों की बात पर आधारित है। अब यह जनता पर निर्भर है कि वह किस दिशा में बिहार को आगे ले जाना चाहती है।

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