मानसून का असर : बिहार के सभी जिलों में इतनी एमएम हो सकती है बारिश, तेज हवा के साथ वज्रपात के आसार

पटना । बिहार के सभी जिलों में मानसून का असर दिख रहा है। इसको लेकर मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश में ब्लू अलर्ट जारी किया है। राज्य में तेज हवा के साथ 15 से 40 एमएम तक बारिश की संभावना जताई है। पटना, गया, नवादा, नालंदा, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, सीवान, सारण, गोपालगंज, वैशाली, पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, जमुई, बांका, मुंगेर, बेगूसराय, खगड़िया और पूर्णिया में तेज हवा के साथ मध्यम बारिश के साथ वज्रपात के भी आसार हैं। मौसम विभाग ने लोगों से घर में ही रहने की अपील की है।

मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती हवा और निम्न हवा के दबाव के क्षेत्र और नमी से मानसून में तीव्रता दिखाई पड़ रही है। इससे बिहार में प्रवेश करने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश को भी कवर कर लिया है। मानसून की इतनी सक्रियता लगभग 12 वर्षों बाद दिखाई दे रही है। इससे पहले बिहार में प्रवेश करने के 4 से 5 दिन बाद उसका असर पटना और बिहार में दिखाई देता था।

लेकिन इस बार पश्चिम बंगाल के बागडोरा से झारखंड होते हुए बिहार तक लगभग 1200 किलोमीटर की दूरी पूरी कर 24 घंटे के अंदर दरभंगा पहुंच गया। जहां से छह घंटे के बाद लगभग 400 किमी दूर उत्तर प्रदेश के बलिया गोरखपुर के साथ पूर्वांचल में सक्रिय हो गया।

बिहार के विभिन्न हिस्सों में लगातार होने वाली बारिश से दिन के साथ रात का तापमान भी तीन से 12 डिग्री सेल्सियस कम हुआ है। सोमवार को पटना में अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

ब्लू अलर्ट का मतलब बिहार के सभी हिस्सों में बादल गरजने के साथ ही 15 से 40 एमएम तक बारिश होने की संभावना है। इस दौरान 12 से 28 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। आद्रर्ता अधिक होने से उमस भरी गर्मी का भी प्रभाव देखने को मिल सकता है।

मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार में मानसून सत्र के दौरान एक जून से 30 सितंबर तक लगभग 1000 एमएम बारिश हो सकती है। उससे पहले जून में 30 दिनों के अंदर 250 एमएम बारिश होने की आशंका जताई जा रही है। यह सामान्य से 80 एमएम अधिक होगी। हालांकि, 2020 में 30 दिनों के दौरान 305 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई, जो 10 साल के इतिहास में सबसे अधिक थी।

मानसून प्रवेश के दौरान ही उसका प्रभाव 24 से 48 घंटे बाद बिहार के मध्य हिस्से में दिखाई देता था लेकिन बंगाल की खाड़ी में नमी और उत्तर पूर्व दिशा की तरफ हवा के दबाव से बिहार में प्रवेश करते ही मानसून का प्रभाव पूर्व दिशा में दरभंगा की तरफ जबकि दूसरी तरफ गोपालगंज की तरफ हो गया। मानूसन रिंग की तरह बन गया जिसके वजह से बीच के क्षेत्र गया और पटना, नालंदा, मुजफ्फरपुर में इसका असर 10 से 12 घंटे में दिखाई दिया।

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