प्रदेश में अगर अगले छह महीनों में स्मार्ट मीटर नहीं लगाया तो डबल फिक्स्ड चार्ज वसूल करेगी सरकार, जानें पूरा मामला

पटना। स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए सतर्क होने वाली खबर है। घर में तय लोड से अधिक बिजली खपत पर फिलहाल दोगुनी राशि (मीटर फिक्स्ड चार्ज) दे रहे उपभोक्ताओं को कंपनी ने छह महीने का समय देने का निर्णय लिया है, ताकि लोग अपनी खपत के अनुसार लोड बढ़वा लें। इस छह माह के बाद फिर से उन्हें दोगुनी राशि देनी होगी। बिजली कंपनी के अनुसार घरेलू कनेक्शन में सामान्य तौर पर लोग दो-तीन किलोवाट का कनेक्शन लेते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि एक दिन में बिजली खपत दो हजार या तीन हजार वाट ही होनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बढ़ती संख्या के कारण लोग एक समय में इससे अधिक बिजली खपत करने लग जा रहे हैं। एक से अधिक एसी, हीटर, गीजर, टीवी, फ्रीज, मिक्सी, वाशिंग मशीन जैसे उपकरणों के धड़ल्ले से उपयोग के कारण औसतन सभी उपभोक्ता तय कनेक्शन से अधिक बिजली खपत कर रहे हैं।

वही अधिक खपत के कारण उपभोक्ताओं को कनेक्शन के फिक्सड चार्ज का दोगुना पैसा अभी देना पड़ रहा है। पहले के मीटर में इसकी गणना नहीं हो पाती थी। पर स्मार्ट मीटर में जैसे ही तय लोड से अधिक बिजली खपत होती है, मीटर से फिक्स्ड चार्ज कट जाता है। ऐसे में लोग यह समझ नहीं पा रहे कि एक ही दिन में 100 या 200 रुपए कैसे गुल हो जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर से कटने वाली राशि में से एक बड़ा कारण यह भी है। एक किलोवाट का फिक्स्ड चार्ज 40 रुपये है। बिजली कंपनी ने विनियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर कर दी है। जल्द ही आयोग की ओर से निर्णय आ जाएगा। उम्मीद है कि नवम्बर से अगले छह महीने तक उपभोक्ताओं से दोगुनी राशि न ली जाए। उपभोक्ताओं की शिकायत को देखते हुए बिजली कंपनी ने केंद्र सरकार से इस मसले पर बातचीत की। केंद्र सरकार ने राज्य को इसकी मंजूरी दे दी है कि वह छह माह उपभोक्ताओं को दे, ताकि वे अपनी जरूरत के अनुसार लोड बढ़वा लें। उसी के मद्देनजर बिजली कंपनी ने विनियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर कर दी है।

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