फतुहा स्टेशन पर दो हिस्सों में बंटी श्रमजीवी एक्सप्रेस, टला बड़ा हादसा, यात्रियों को कोई नुकसान नहीं
पटना। जिले के फतुहा रेलवे स्टेशन पर सोमवार सुबह एक बड़ी रेल दुर्घटना होते-होते टल गई। श्रमजीवी एक्सप्रेस के दो डिब्बे ट्रेन से अलग हो गए, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि गनीमत यह रही कि समय रहते स्थिति संभाल ली गई और किसी भी यात्री को नुकसान नहीं पहुंचा। इस घटना ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और तकनीकी रखरखाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना कैसे हुई
जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह करीब 8:10 बजे श्रमजीवी एक्सप्रेस फतुहा स्टेशन से आगे की ओर रवाना हुई थी। ट्रेन ने जैसे ही प्लेटफार्म छोड़ा, अचानक कपलिंग टूट जाने के कारण दो बोगियां मुख्य रैक से अलग हो गईं। यह दोनों बोगियां प्लेटफार्म पर ही रुक गईं, जबकि बाकी ट्रेन आगे बढ़ गई। गार्ड और स्टेशन मास्टर को जैसे ही घटना की जानकारी मिली, तुरंत ट्रेन को रोकने की कार्रवाई की गई।
तत्काल कदम और बचाव
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे कर्मचारियों ने तुरंत मोर्चा संभाला। गार्ड और स्टेशन मास्टर ने मिलकर ट्रेन को रोका और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। अलग हुई बोगियों को करीब 21 मिनट बाद, यानी 8:31 बजे दोबारा मुख्य ट्रेन से जोड़ा गया। इसके बाद तकनीकी जांच की गई और सुनिश्चित किया गया कि ट्रेन में आगे कोई खतरा न हो। जांच पूरी होने के बाद सुबह 9:02 बजे श्रमजीवी एक्सप्रेस को सुरक्षित तरीके से उसके गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
घटना के समय यात्रियों में कुछ देर के लिए दहशत और अफरा-तफरी का माहौल जरूर रहा। प्लेटफार्म पर मौजूद यात्री भी हैरान रह गए जब उन्होंने देखा कि ट्रेन के दो डिब्बे बाकी रैक से अलग हो गए हैं। हालांकि रेलवे कर्मचारियों की त्वरित कार्रवाई और मौके पर मौजूद अधिकारियों की सतर्कता के कारण स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया। यात्रियों ने राहत की सांस ली कि हादसा तेज रफ्तार में नहीं हुआ, वरना परिणाम भयावह हो सकते थे।
तकनीकी खामी और जांच
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह घटना कपलिंग टूटने की वजह से हुई। कपलिंग वह उपकरण है जो एक डिब्बे को दूसरे से जोड़ता है। यदि ट्रेन तेज रफ्तार में होती और उसी समय कपलिंग टूटती तो डिब्बों के अलग होने से बड़ा हादसा हो सकता था। यही कारण है कि अधिकारियों ने इस घटना को गंभीर मानते हुए तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं। तकनीकी टीम यह पता लगाएगी कि कपलिंग क्यों टूटा और इसके पीछे मेंटेनेंस की कोई लापरवाही तो नहीं रही।
गनीमत और सबक
रेलवे प्रशासन ने राहत की सांस ली कि घटना स्टेशन पर हुई और ट्रेन अभी धीमी गति में थी। इस वजह से डिब्बों के अलग होने पर कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। यदि यह हादसा रास्ते में तेज गति से दौड़ रही ट्रेन के दौरान होता तो परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते थे। इस घटना ने रेलवे को एक बार फिर सतर्क कर दिया है कि मेंटेनेंस और तकनीकी जांच में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।
रेलवे की भूमिका और भविष्य की तैयारी
घटना के बाद रेलवे अधिकारियों ने साफ किया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कपलिंग टूटने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए डिब्बों और उपकरणों की नियमित जांच की जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि हर स्टेशन पर इस तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन और कर्मचारी उपलब्ध रहें।
यात्रियों की सुरक्षा का प्रश्न
भारतीय रेलवे प्रतिदिन लाखों यात्रियों की जिम्मेदारी उठाता है। ऐसे में हर छोटी तकनीकी गड़बड़ी भी बड़ी चिंता का विषय होती है। फतुहा की घटना ने यह साबित कर दिया कि समय पर सतर्कता और तुरंत कार्रवाई से बड़ी दुर्घटना को टाला जा सकता है। हालांकि यात्रियों का भरोसा बनाए रखने के लिए रेलवे को लगातार सुरक्षा मानकों को और बेहतर बनाने की जरूरत है। फतुहा स्टेशन पर श्रमजीवी एक्सप्रेस की बोगियों का अलग होना एक चेतावनी है कि रेलवे को अपनी तकनीकी और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर और ध्यान देने की जरूरत है। गनीमत यह रही कि इस बार कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ और सभी यात्री सुरक्षित रहे। लेकिन यह भी सच है कि ऐसी घटनाओं से यात्रियों की चिंता बढ़ती है। रेलवे प्रशासन को चाहिए कि जांच पूरी कर दोषियों पर कार्रवाई करे और सुनिश्चित करे कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।


