पीएमसीएच के हॉस्टल में शॉर्ट सर्किट लगी आग, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू, कई सामान जलकर राख

पटना। पीएमसीएच के चाणक्य हॉस्टल में मंगलवार देर रात शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटना सामने आई। यह हादसा हॉस्टल की जी+2 बिल्डिंग के दूसरी मंजिल पर स्थित एक मेडिकल छात्र के कमरे में हुआ। आग ने कमरे में मौजूद बेड और अन्य सामान को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना के बाद हॉस्टल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
दमकलकर्मियों ने की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलने पर पटना जिले के डिस्ट्रिक्ट फायर ऑफिसर मनोज नट के नेतृत्व में फायर ब्रिगेड की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने में दमकलकर्मियों को लगभग 30 मिनट लगे। आग बुझाने के लिए दमकलकर्मियों ने काफी मशक्कत की, क्योंकि आग तेजी से फैल रही थी। फायर ऑफिसर ने बताया कि सूचना मिलने के 10-15 मिनट के अंदर दमकल कर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए थे। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट पाई गई है।
छात्रों ने किया आग बुझाने का प्रयास
हॉस्टल के छात्रों ने आग लगने के तुरंत बाद स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने अपने स्तर पर आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन जब सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने डायल 112 और फायर ब्रिगेड को सूचित किया। छात्रों की तत्परता से आग पर जल्दी काबू पाया जा सका।
तीसरी बार हुई आग लगने की घटना
यह पहली बार नहीं है जब पीएमसीएच में आग लगने की घटना हुई है। इससे पहले भी परिसर में आग लगने की दो घटनाएं हो चुकी हैं। पिछली घटनाओं के बाद पटना के जिलाधिकारी के निर्देश पर एक पांच सदस्यीय टीम ने हॉस्पिटल और हॉस्टल का निरीक्षण किया था। उस समय यह सुनिश्चित किया गया था कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
सुरक्षा इंतजामों पर सवाल
लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने पीएमसीएच के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों ने इस घटना के बाद परिसर में सुरक्षा उपायों को लेकर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। हॉस्टल में अग्निशमन उपकरणों की स्थिति और इलेक्ट्रिकल वायरिंग की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। पीएमसीएच जैसे महत्वपूर्ण संस्थान में आग लगने की यह तीसरी घटना है, जो प्रशासन और सुरक्षा उपायों की खामियों की ओर इशारा करती है। हालांकि, इस बार फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई से बड़ी दुर्घटना होने से बच गई, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाना आवश्यक है। नियमित निरीक्षण और प्रभावी अग्निशमन व्यवस्था को लागू करना जरूरी है, ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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