October 28, 2025

पटना समेत पूरे प्रदेश में पड़ेगी कड़ाके की ठंड, सर्दी का हुआ प्रवेश, ‘ला नीना’ के प्रभाव से गिरा तापमान

पटना। बिहार में सर्दी ने दस्तक दे दी है। मानसून की विदाई के साथ ही राज्य का मौसम बदलने लगा है। अक्टूबर के मध्य तक सुबह-शाम की ठंड महसूस की जा रही है और रात्रिकालीन तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने संकेत दिया है कि इस वर्ष सर्दी सामान्य से अधिक कठोर हो सकती है और यह फरवरी तक बनी रह सकती है। राजधानी पटना समेत अधिकांश जिलों में आसमान साफ और मौसम शुष्क रहने लगा है।
तापमान में गिरावट और वर्तमान स्थिति
राज्य के मौसम केंद्रों के आंकड़ों के अनुसार, रात्रि का तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है। वहीं, दिन का अधिकतम तापमान 28 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच स्थिर बना हुआ है। पटना में 15 अक्टूबर को अधिकतम तापमान लगभग 31 डिग्री और न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किए जाने की संभावना व्यक्त की गई है। सुबह और शाम के समय हल्की सर्द हवा के कारण ठंडक महसूस की जा रही है, जिससे मौसम में बदलाव स्पष्ट दिखाई देने लगा है।
ला नीना का प्रभाव और वैज्ञानिक विश्लेषण
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार की ठंडक के पीछे मुख्य कारण प्रशांत महासागर की जलवायु घटना ‘ला नीना’ है। ला नीना की स्थिति में महासागर की सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, जिससे ठंडी हवाओं की तीव्रता बढ़ती है। आईएमडी के ताजा मॉडल के अनुसार, ला नीना की स्थिति 71 प्रतिशत संभावना के साथ नवंबर से जनवरी तक प्रभावी रहेगी। इसका सीधा असर उत्तर और पूर्व भारत, विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में देखा जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ला नीना के कारण सर्द वातावरण सामान्य से 2-3 डिग्री सेल्सियस नीचे रह सकता है। इसका परिणाम यह होगा कि दिसंबर और जनवरी के महीनों में कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान 5 से 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, जिससे ठंडी हवाओं और कोल्ड वेव की घटनाएं बढ़ेंगी।
पटना समेत प्रदेशभर में ठंड का प्रवेश
पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे शहरों में सर्दी की शुरुआत स्पष्ट रूप से महसूस की जा रही है। सुबह के समय ओस की बूंदें खेतों और वाहनों पर जमने लगी हैं। दिन के दौरान धूप खिलने के बावजूद हवा में हल्की ठंडक बनी रहती है। मौसम विभाग ने बताया है कि अगले एक सप्ताह तक बारिश की कोई संभावना नहीं है और आसमान साफ रहेगा। हवा की गति 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है। ग्रामीण इलाकों में वातावरण में नमी के कारण सुबह कोहरा या हल्की धुंध भी देखी जाएगी।
स्वास्थ्य और दैनिक जीवन पर असर
सर्दी बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है। बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम, अस्थमा और श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने जनता से टीकाकरण के साथ साथ ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की अपील की है। सुबह और रात के समय गुनगुना पानी पीने तथा गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता फिलहाल मध्यम श्रेणी में है, लेकिन सर्दी के गहराने पर प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए लोगों को वाहन उपयोग कम करने और खुली जगहों पर कूड़ा जलाने से परहेज करने की हिदायत दी गई है।
कृषि पर संभावित प्रभाव
ला नीना की स्थिति और गिरते तापमान का असर कृषि पर भी देखने को मिलेगा। रबी सीजन की तैयारी कर रहे किसानों को मौसम विभाग ने चेताया है कि वे ठंडी हवाओं और कोहरे की संभावना को ध्यान में रखकर फसलें बोएं। ओस और पाला गेहूं तथा सरसों जैसी फसलों को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों ने किसानों को समय पर सिंचाई और फसल सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी है ताकि फसलों को नुकसान से बचाया जा सके।
लंबी सर्दी के संकेत
मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष सर्दी की अवधि लंबी रहने के आसार हैं। सामान्यतः फरवरी के मध्य तक मौसम में गर्माहट लौटने लगती है, लेकिन इस बार तापमान मार्च की शुरुआत तक कम रहने की संभावना है। इसका कारण यह है कि ला नीना की स्थिति कमजोर नहीं पड़ रही है और यह ठंडी वायु धाराओं को लगातार सक्रिय रखेगी। बिहार में इस बार सर्दी ने अपेक्षाकृत जल्दी दस्तक दी है। पटना सहित पूरे प्रदेश में रात्रि तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है और शुष्क मौसम के साथ साफ आसमान का क्रम जारी है। वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि यह सर्दी न केवल कठोर बल्कि लंबी भी होगी। ऐसे में राज्य के निवासियों को स्वास्थ्य, खेती और दैनिक जीवन के हर क्षेत्र में इस बदलते मौसम के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।

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