दिल्ली में लगेगी सीट शेयरिंग पर मुहर, मांझी बोले- जो मिलेगा मजबूती से एनडीए के साथ रहेंगे
पटना। बिहार की राजनीति में इन दिनों सीट शेयरिंग को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच, हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी शनिवार को विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हुए। उनकी इस यात्रा को लेकर यह माना जा रहा है कि दिल्ली में एनडीए के शीर्ष नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मांझी ने रवाना होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सीट शेयरिंग पर अब फैसला होना तय है। उन्होंने बताया कि पटना में भी इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है और दिल्ली में भी इसे लेकर निर्णायक बैठक होगी। मांझी ने कहा कि जो निर्णय वहां होगा, वही अंतिम रूप से लागू किया जाएगा।
जेपी नड्डा की अध्यक्षता में होगी बैठक
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में होने वाली एनडीए की इस बैठक की अध्यक्षता भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान सहित गठबंधन के सभी सहयोगी दलों के नेता मौजूद रहेंगे। इस बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों का बंटवारा तय किया जाएगा। मांझी ने कहा कि सभी दल अध्यक्ष के निर्णय पर सहमत हैं। उनका स्पष्ट कहना था कि जेपी नड्डा का जो भी फैसला होगा, वही एनडीए की ओर से अंतिम निर्णय माना जाएगा। उन्होंने कहा, “हम सब अनुशासित लोग हैं और पार्टी लाइन से बाहर नहीं जाएंगे। जो सीट हमें मिलेगी, हम उसी पर टिके रहेंगे।”
अनुशासन और समन्वय की मिसाल
मांझी का यह बयान राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बिहार में एनडीए के भीतर कई दल हैं जिनके बीच सीट बंटवारे को लेकर कुछ मतभेद उभरते रहे हैं। ऐसे में मांझी का यह कहना कि वे “जो भी सीट मिलेगी, उसी पर टिकेंगे”, गठबंधन में अनुशासन और समन्वय का संदेश देता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि हम पार्टी किसी विवाद या असहमति के रास्ते पर नहीं जाएगी और एनडीए के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मांझी का यह बयान न केवल गठबंधन की एकता को मजबूत करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि एनडीए नेतृत्व इस बार सीट शेयरिंग के मामले में किसी तरह की सार्वजनिक असहमति से बचना चाहता है।
बिहार में बढ़ी राजनीतिक हलचल
मांझी के दिल्ली रवाना होने के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दलों की निगाहें अब दिल्ली में होने वाली इस बैठक पर टिक गई हैं। माना जा रहा है कि बैठक में एनडीए के सभी घटक दलों के बीच सीटों का अंतिम फार्मूला तय हो जाएगा और इसके बाद उम्मीदवारों की सूची भी जल्द जारी की जाएगी। नीतीश कुमार की जदयू, चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास), उपेंद्र कुशवाहा की रालोजपा और मांझी की हम पार्टी, सभी अपने-अपने प्रभाव क्षेत्रों के अनुसार सीटों की मांग कर रहे हैं। वहीं भाजपा इन सभी दलों के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश में है ताकि चुनाव से पहले किसी तरह का असंतोष सामने न आए।
गठबंधन में एकजुटता का संदेश
मांझी ने अपने बयान में यह भी कहा कि एनडीए के सभी घटक दलों के बीच तालमेल पूरी तरह से बना हुआ है। उन्होंने कहा, “हम एनडीए के सिपाही हैं। जो जिम्मेदारी मिलेगी, उसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।” उनके इस बयान को राजनीतिक हलकों में एक सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि एनडीए के नेता अपने अंदरूनी मतभेदों को दूर कर एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। बिहार की राजनीति में सीट शेयरिंग हमेशा से एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया रही है, लेकिन इस बार मांझी जैसे वरिष्ठ नेता का यह रुख गठबंधन के भीतर स्थिरता और अनुशासन का संकेत देता है। दिल्ली में होने वाली इस बैठक से न केवल एनडीए की चुनावी रणनीति तय होगी, बल्कि इससे यह भी पता चलेगा कि गठबंधन किन-किन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा। मांझी का यह बयान कि “जो मिलेगा, उसी पर टिकेंगे” यह दर्शाता है कि हम पार्टी एनडीए के साथ पूरी निष्ठा से जुड़ी है और किसी तरह के विवाद से दूर रहकर गठबंधन को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रही है। दिल्ली बैठक के नतीजे पर अब पूरे बिहार की निगाहें टिकी हैं।


