राज्य के 5971 स्कूलों को जल्द मिलेंगे नए प्रिंसिपल, पोस्टिंग की प्रक्रिया जल्द, तैयारी में शिक्षा विभाग

पटना। राज्य के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लंबे समय से प्रधानाध्यापकों की कमी एक बड़ी समस्या रही है। अब इस दिशा में अहम पहल करते हुए बिहार सरकार ने नए प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति और पदस्थापन की प्रक्रिया तेज कर दी है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 5,971 प्रधानाध्यापकों को जल्द ही राज्य के विभिन्न स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा। इससे स्कूलों के शैक्षणिक और प्रशासनिक संचालन को गति मिलने की उम्मीद है।
काउंसलिंग और जिला आवंटन की प्रक्रिया पूरी
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अनुसार, सभी चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग पहले ही संबंधित क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों द्वारा निर्धारित स्थानों पर कराई जा चुकी है। इसके साथ ही प्रत्येक अभ्यर्थी को प्रमंडल और जिला आवंटित कर दिया गया है। काउंसलिंग के दौरान अभ्यर्थियों से तीन-तीन प्रमंडल और जिले का विकल्प मांगा गया था, जिसके आधार पर जिला आवंटन किया गया।
प्रखंड विकल्प का संग्रह और सॉफ्टवेयर से प्रक्रिया
जिला आवंटन के बाद शिक्षा विभाग ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया। अब चयनित प्रधानाध्यापक अभ्यर्थियों से उन्हें आवंटित जिले के पांच-पांच प्रखंडों का विकल्प भी लिया गया है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से की गई, जिसके लिए अभ्यर्थियों को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर जाकर अपने लॉगिन आईडी से विकल्प भरना था। जो अभ्यर्थी राज्य सरकार द्वारा नियुक्त स्थानीय निकाय शिक्षक हैं और प्रधानाध्यापक के रूप में चयनित हुए हैं, उन्होंने पोर्टल पर लॉगिन कर अपने विकल्प भरे। वहीं, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), भारतीय स्कूल प्रमाणन परिषद (ICSE) और बिहार बोर्ड (BSEB) से संबद्ध विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों ने भी अपने अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड कर, संबंधित विकल्प दिए।
विकल्प न देने पर सॉफ्टवेयर से स्वचालित आवंटन
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन चयनित अभ्यर्थियों ने निर्धारित समयसीमा के भीतर अपने प्रखंड विकल्प नहीं भरे हैं, उन्हें सॉफ्टवेयर के माध्यम से रैंडम पद्धति से ही प्रखंड और विद्यालय आवंटित किए जाएंगे। इस प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए डिजिटल रैंडमाइजेशन तकनीक अपनाई जा रही है, ताकि किसी प्रकार का विवाद या पक्षपात की गुंजाइश न रहे।
प्रखंड और विद्यालय आवंटन प्रक्रिया शीघ्र पूरी होगी
अब जब प्रखंड विकल्प भरने की अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है, तो शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने की दिशा में काम तेज कर दिया है। विभाग का लक्ष्य है कि अगले सप्ताह तक सभी चयनित प्रधानाध्यापकों का प्रखंड और विद्यालय स्तर पर पदस्थापन कर दिया जाए। इससे राज्य के 5,971 उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों को स्थायी प्रधानाध्यापक मिल सकेंगे।
शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा लाभ
शिक्षा विभाग की इस पहल से राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है। वर्षों से प्रधानाध्यापक के बिना संचालित हो रहे स्कूलों में अब नियमित नेतृत्व उपलब्ध होगा। इससे न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि शिक्षण गुणवत्ता में भी सकारात्मक बदलाव आने की संभावना है। बिहार सरकार की यह पहल राज्य के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। 5,971 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति और उनका शीघ्र पदस्थापन शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। साथ ही इससे छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल और शिक्षकों को सशक्त नेतृत्व का सहयोग मिल सकेगा। आने वाले दिनों में इसका व्यापक असर राज्य की माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा पर देखने को मिलेगा।
