मो. शहाबुद्दीन के समर्थकों का गुस्सा बढ़ा : राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सलीम परवेज ने दिया इस्तीफा

छपरा। पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के समर्थकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अब राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष व बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति रहे सलीम परवेज ने अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि शहाबुद्दीन के बीमार पड़ने से निधन तक के बीच की घटनाओं पर पार्टी के किसी नेता का बयान नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पार्टी का राजधर्म नहीं। अपने सच्चे सिपाही, संस्थापक सदस्य, मजबूत स्तंभ और परिवार के सदस्य के प्रति ऐसी उपेक्षा न केवल क्षोभपूर्ण है बल्कि अति आपत्तिजनक है। सलीम परवेज ने मंगलवार को छपरा के करीमचक स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर यह बातें कही और अपने इस्तीफे का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि मरहूम शहाबुद्दीन राजद के संस्थापकों में से रहे थे। उन्होंने न केवल पार्टी के गठन में भूमिका निभाई बल्कि लालू और राबड़ी के नेतृत्व में बिहार में स्थापित होने वाली सरकारों के गठन में विपरीत परिस्थितियों में भी सक्रिय एवं महत्वपूर्ण रोल अदा किया। व्यक्तिगत तौर पर उन्होंने कभी धर्म के आधार पर राजनीति नहीं की और न कभी उसका समर्थन किया। अपना संपूर्ण राजनीतिक जीवन राजद को सींचने में अर्पित कर दिया। ऐसे नेता के प्रति पार्टी के इस रवैए से मैं अत्यंत दुखी व मर्माहत हूं।
सोमवार को दिल्ली में दफन हुए शहाबुद्दीन
बता दें सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सोमवार शाम दिल्ली के आईटीओ कब्रगाह में दफनाया गया। इस दौरान उनके पुत्र ओसामा और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सैकड़ों समर्थक मौजूद थे। इससे पहले परिवार की मांग पर उनका पोस्टमार्टम पंडित दीन दयाल अस्पताल में सोमवार की दोपहर डेढ़ बजे किया गया। उसके बाद उनके समर्थक अड़े रहे कि डेड बॉडी उन सबों को सौंप दी जाए। प्रशंसक उनके पार्थिव शरीर को सीवान ले जाना चाहते थे। हालांकि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार सतर्क प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।
तेजस्वी यादव ने कहा- हमने शव लाने की कोशिश की
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया पर कहा कि हमने पूर्व सांसद के शव को सीवान लाने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन सरकार ने हठधर्मिता अपनाते हुए टाल-मटोल कर आखिरकार इजाजत नहीं दिया। हम ईश्वर से मरहूम शहाबुद्दीन साहब की मगफिरत की दुआ करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जन्नत में आला मकाम मिले। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। राजद उनके परिवार वालों के साथ हर मोड़ पर खड़ी रही है और आगे भी रहेगी।

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