बिहार के वित्त रहित शिक्षकों को जल्द होगा वेतन भुगतान, शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
पटना। बिहार के वित्त रहित स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। राज्य सरकार ने इन स्कूलों के अनुदान की बकाया राशि के भुगतान का निर्णय लिया है। बुधवार को बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी और बताया कि सरकार जल्द ही इन वित्त रहित शिक्षकों के बकाया वेतन का भुगतान करेगी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि वित्त रहित स्कूलों के शिक्षकों को कुछ बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना अनिवार्य है। जिन स्कूलों में इन सुविधाओं का अभाव था, उनके कोर्स को निलंबित कर दिया गया था। अब सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे अपनी सुविधाओं को सुधारें। इस दिशा में काम किया जा रहा है ताकि जल्द ही वित्त रहित स्कूलों के शिक्षकों को उनका बकाया वेतन मिल सके। बिहार में लगभग 45,000 वित्त रहित शिक्षक 1,450 अनुदानित माध्यमिक, इंटरमीडिएट और डिग्री कॉलेजों में कार्यरत हैं। इनमें से कई कॉलेजों को 6 से 9 साल से अनुदान की राशि नहीं मिली है, जिसके कारण वे लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे। हाल ही में विधान परिषद में शिक्षक कोटे से निर्वाचित सभी एमएलसी ने भी इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे का समाधान जल्द से जल्द निकालेगी। इसके अलावा, डोमिसाइल नीति में हो रहे बदलाव की मांग के बारे में शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य की वर्तमान डोमिसाइल नीति में कोई संशोधन नहीं किया गया है और फिलहाल इसे बदलने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड सरकार द्वारा केवल वहां के निवासियों को नौकरी देने की बात को लेकर बिहार सरकार का कोई विरोध नहीं है, क्योंकि हर राज्य के पास अपने संसाधनों और परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने का अधिकार होता है। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि बिहार के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य शिक्षकों की कमी को दूर करना था, जिसे बीपीएससी की मदद से पूरा किया गया है। अब राज्य में शिक्षकों की कमी को लगभग खत्म कर दिया गया है। जब आर्ट्स और अन्य कलाओं के शिक्षकों की नियुक्ति के सवाल पर पूछा गया, तो मंत्री ने कहा कि कला और अन्य कलाओं को बढ़ावा देने के लिए राज्य में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। ‘किलकारी’ नामक पहल के तहत कला, संस्कृति, ड्राइंग और अन्य कलाओं को विकसित करने की व्यवस्था की जा रही है। सरकार पहले बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि आगे के कार्य सफलतापूर्वक किए जा सकें। इस घोषणा से राज्य के वित्त रहित स्कूलों के शिक्षकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, जो पिछले कई वर्षों से अनुदान की प्रतीक्षा कर रहे थे। सरकार के इस कदम से शिक्षा प्रणाली में भी सुधार की उम्मीद है, जिससे शिक्षकों और छात्रों दोनों को लाभ होगा।