लाभुकों को दी जाने वाली राशि के एवज में रिश्वत: मनरेगा पीओ रंगे हाथ गिरफ्तार

सहरसा। सहरसा में पशु शेड निर्माण के लिए लाभुकों को दी जाने वाली राशि के एवज में रिश्वत लेते सिमरी बख्तियारपुर के प्रभारी पीओ राजीव रंजन को बुधवार की सुबह उनके आवास कायस्थ टोला वार्ड 30 से पटना की निगरानी टीम ने गिरफ्तार कर लिया। निगरानी टीम द्वारा आवास जांच के क्रम में इस रिश्वत राशि के अलावा एक लाख 97 हजार की नकद राशि बरामद की गयी। निगरानी डीएसपी गोपाल पासवान के नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम पीओ को गिरफ्तार कर अपने साथ पटना ले गयी है। निगरानी टीम ने मनरेगा मेठ राजेश कुमार यादव द्वारा की गयी शिकायत पर रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पीओ रंजन मूल रूप से सोनवर्षा के प्रोग्राम पदाधिकारी हैं, जिन्हें पूर्व प्रोग्राम पदाधिकारी अभिषेक आनंद के स्थानांतरण के बाद सिमरी बख्तियारपुर का प्रभार दिया गया है। योजना अंतर्गत सरकार द्वारा गरीबों को पशु शेड बनाने के लिए एक लाख 30 हजार की राशि दी जा रही है। इस योजना का संचालन मनरेगा के द्वारा किया जा रहा है। योजना में अनियमितता का पूर्व से ही आरोप प्रत्यारोप लगता आ रहा है। इस कड़ी में सिमरी बख्तियारपुर में चार हजार दो सौ गरीबों के पशु शेड निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी। इन स्वीकृत पशु शेडों के लिए मनरेगा पीओ श्री रंजन द्वारा 14 प्रतिशत रिश्वत की मांग की गयी थी। इसी रिश्वत को लेकर मेठ राजेश कुमार ने 14 लाभुकों की एकमुश्त दो लाख 57 हजार की राशि दी थी। राजेश कुमार ने इस रिश्वत लेने की शिकायत 23 सितंबर को पटना निगरानी से की थी। पटना की निगरानी टीम ने इसके सत्यापन के लिए 31 सितंबर को सिपाही मोहन पांडे से इसे सत्यापन कराया। सिपाही श्री पांडे ने 31 अगस्त एवं एक सितंबर को जांच कर इसे सही पाया था। उनके सत्यापन के आधार पर निगरानी टीम ने जाल बिछाकर पीओ श्री रंजन को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। परिवादी राजेश कुमार यादव ने बताया कि मनरेगा योजना अंतर्गत संचालित पशु शेड निर्माण के लिए प्रभारी प्रोग्राम पदाधिकारी राजीव रंजन ने 14 प्रतिशत की दर से प्रत्येक लाभुकों से राशि की मांग की थी। बिना रिश्वत राशि के वे एक भी लाभुकों की स्वीकृति नहीं कर रहे थे। लाभुकों को योजना का लाभ दिलाने के लिए उन्होंने 14 लोगों की स्वीकृति की एकमुश्त बात की। इसको लेकर उन्होंने दो लाख 57 हजार की राशि तय की। निर्धारित तिथि पर राशि दिये जाने की बात कही गयी। उन्होंने कहा कि रिश्वत को लेकर उन्होंने निगरानी से 23 अगस्त को संपर्क किया। इस जानकारी के आधार पर निगरानी ने इसका सत्यापन कराया एवं निगरानी टीम के निर्देश पर बुधवार की सुबह प्रोग्राम पदाधिकारी को राशि देने का समय तय किया गया। निर्धारित जगह कायस्थ टोला वार्ड 30 स्थित उनके आवास से थोड़ी दूर निगरानी की टीम पहुंची थी। उन्होंने पीओ को राशि उनके आवास पर दी। निगरानी द्वारा तत्काल छापेमारी की गयी एवं रंगे हाथ रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।

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