October 28, 2025

22 को महिलाओं के खाते में आएंगे 10 हजार की राशि, महिला रोजगार योजना की पहली किस्त का होगा भुगतान

पटना। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना की खास बात यह है कि इसके अंतर्गत महिलाओं को न केवल प्रारंभिक प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाएगी, बल्कि उन्हें व्यवसाय स्थापित करने और आगे बढ़ाने के लिए भी सहयोग मिलेगा। सरकार का मानना है कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी, तो इसका प्रत्यक्ष प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था और समाज दोनों पर पड़ेगा। इस योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में की गई है। इसके तहत 22 सितंबर को राज्य की लगभग 50 लाख महिलाओं को पहली किस्त में दस हजार रुपये की राशि उनके बैंक खातों में सीधे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजी जाएगी। यह राशि महिलाओं को अपने पसंद का व्यवसाय शुरू करने में शुरुआती सहूलियत प्रदान करेगी। यह सिर्फ आर्थिक सहयोग नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है।
महिलाओं के लिए नए अवसर
इस योजना का लाभ पाकर महिलाएं छोटे उद्योग, कुटीर उद्योग, सेवा आधारित कार्य और अन्य प्रकार के व्यवसाय आसानी से शुरू कर सकेंगी। प्रारंभिक दस हजार रुपये की मदद के साथ-साथ आगे चलकर सरकार की ओर से उन्हें दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसका मतलब है कि यह योजना सिर्फ शुरुआत तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं को दीर्घकालिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम बनेगी।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों पर असर
योजना को लागू करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति को जिम्मेदारी दी है, जबकि शहरी क्षेत्रों में इसके कार्यान्वयन के लिए नगर विकास और आवास विभाग की मदद ली जाएगी। इससे सुनिश्चित होगा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाएं इस योजना का बराबरी से लाभ उठा सकें। गांवों में रहने वाली महिलाएं जहां घरेलू व्यवसाय, पशुपालन, हस्तकला और छोटे उद्योगों में आगे बढ़ सकती हैं, वहीं शहरी महिलाओं को सेवा क्षेत्र और अन्य प्रकार के व्यवसाय में अवसर मिलेंगे।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
इस योजना का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक मजबूती देना नहीं है, बल्कि सामाजिक बदलाव भी करना है। जब महिलाएं रोजगार के अवसरों का सृजन करेंगी, तो न केवल वे खुद आत्मनिर्भर होंगी बल्कि अपने परिवार को भी बेहतर भविष्य दे पाएंगी। इससे महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और वे समाज में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकेंगी।
पायलट प्रोजेक्ट से मिली प्रेरणा
इस योजना का असर पायलट प्रोजेक्ट से पहले ही नजर आ चुका है। जीविका दीदियों ने पुलिसकर्मियों और स्कूली बच्चों के लिए वर्दी तैयार करने का जिम्मा संभालकर यह साबित किया कि महिलाएं अपनी मेहनत और हुनर से समाज की जरूरतों को पूरा कर सकती हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति दे सकती हैं। यह उदाहरण दर्शाता है कि महिलाओं की भागीदारी से स्थानीय रोजगार और बाजार दोनों को मजबूती मिल सकती है।
आवेदन और सुगमता
महिलाएं इस योजना का लाभ उठाने के लिए बिहार सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त, प्रखंड स्तर पर सहायता केंद्र भी स्थापित किए गए हैं ताकि जिन महिलाओं को ऑनलाइन प्रक्रिया में कठिनाई हो, वे आसानी से अपना नाम रजिस्टर्ड करा सकें। यह विशेष सुविधा यह सुनिश्चित करती है कि अधिक से अधिक महिलाएं योजना में शामिल हो सकें। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना महिलाओं को केवल आर्थिक सहयोग देने की योजना नहीं है, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट – महिला सशक्तिकरण – नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। आने वाले समय में यह योजना बिहार की महिलाओं को उद्यमिता और आत्मनिर्भरता की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में स्थापित करेगी।

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