पटना में आर्मी भर्ती में अभ्यर्थियों ने जमकर काटा बवाल, एंट्री नहीं मिलने किया हंगामा, पुलिस ने खदेड़ा

पटना। दानापुर स्थित करियप्पा ग्राउंड में चल रही टेरिटोरियल आर्मी भर्ती प्रक्रिया के दौरान शनिवार को अभ्यर्थियों द्वारा भारी हंगामा हुआ। भर्ती प्रक्रिया के पांचवें दिन भर्ती मैदान में एंट्री न मिलने पर गुस्साए अभ्यर्थियों ने जमकर बवाल काटा। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए मौके से भीड़ को खदेड़ा। भर्ती प्रक्रिया में पूरे बिहार से लगभग 25,000-30,000 अभ्यर्थी पहुंचे, जबकि करियप्पा ग्राउंड की क्षमता केवल 1500-2000 व्यक्तियों की थी। ग्राउंड में सीमित संख्या में ही अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया। इससे बाहर रह गए अभ्यर्थियों में नाराजगी बढ़ी, और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने तत्परता दिखाई। दानापुर सीडीपीओ दिव्या शक्ति, सिटी एसपी (पश्चिमी) सरथ आर एस, एसडीपीओ भानु प्रताप सिंह, बीडीओ विभेष आनंद और सीओ चंदन कुमार ने कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। सिटी एसपी सरथ आर एस ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान ग्राउंड की सीमित क्षमता के कारण कई अभ्यर्थियों को बाहर रोक दिया गया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वंचित अभ्यर्थियों के लिए नई तारीख की घोषणा की जाएगी। पुलिस ने हंगामा कर रही भीड़ को काबू में करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। कुछ समय के लिए अफरा-तफरी का माहौल रहा, लेकिन पुलिस और प्रशासन के सामूहिक प्रयासों से स्थिति पर काबू पाया गया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वंचित अभ्यर्थियों के लिए पुनः भर्ती प्रक्रिया का आयोजन किया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया के दौरान सैनिक चौक स्थित करियप्पा मैदान में पहले अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच की जाती है। जांच पूरी होने के बाद अभ्यर्थियों को ग्रुप बनाकर दौड़ और अन्य प्रक्रियाओं के लिए आगे भेजा जाता है। यह प्रक्रिया 27 नवंबर तक जारी रहेगी। बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का पहुंचना और मैदान की सीमित क्षमता के कारण अधिकांश अभ्यर्थी बाहर रह गए। पर्याप्त व्यवस्था और पूर्व सूचना न मिलने से अभ्यर्थियों में आक्रोश बढ़ा। नई तारीख के संबंध में स्पष्टता की कमी भी हंगामे का कारण बनी। इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को संभालने के लिए प्रशासनिक और प्रबंधकीय व्यवस्था की कमी उजागर हुई। भर्ती प्रक्रिया के लिए मैदान की क्षमता और सुरक्षा उपायों में समन्वय की कमी देखने को मिली। इस घटना ने भविष्य में बड़े आयोजनों के लिए बेहतर योजना और प्रबंधन की आवश्यकता को रेखांकित किया। पटना में टेरिटोरियल आर्मी भर्ती प्रक्रिया के दौरान हुए इस हंगामे ने भर्ती प्रक्रिया की खामियों को उजागर किया है। प्रशासन और पुलिस की तत्परता से स्थिति नियंत्रण में आई, लेकिन इस घटना ने भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए बेहतर प्रबंधन और पूर्व योजना की जरूरत को रेखांकित किया। अब देखना होगा कि वंचित अभ्यर्थियों के लिए कब और कैसे नई तारीख तय की जाती है।
