October 28, 2025

राजद ने पटना में कल बुलाई संसदीय बोर्ड की बैठक, कई विधायकों का कटेगा टिकट, उम्मीदवारों पर मुहर लगाएंगे लालू

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में अब राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। चुनाव आयोग द्वारा तारीखों की घोषणा के बाद सभी दलों ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 10 अक्टूबर को संसदीय बोर्ड की अहम बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी उम्मीदवारों की सूची पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। यह बैठक राजद के लिए निर्णायक साबित हो सकती है क्योंकि पार्टी अपने कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटने के मूड में है।
चुनावी माहौल में बढ़ी सरगर्मी
बिहार में दो चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। चुनाव की घोषणा के बाद तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक न तो एनडीए ने सीट बंटवारे की घोषणा की है और न ही महागठबंधन इस पर कोई अंतिम निर्णय ले पाया है। दोनों गठबंधन अपने-अपने आंतरिक मतभेदों को सुलझाने में लगे हैं।
लालू यादव और तेजस्वी करेंगे अंतिम फैसला
राजद की 10 अक्टूबर की बैठक में राज्य और केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य शामिल होंगे। बैठक में प्रत्याशियों की सूची पर चर्चा की जाएगी और अंतिम मंजूरी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव देंगे। तेजस्वी यादव की मौजूदगी में लालू यादव ही प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस बार पार्टी कई पुराने चेहरों की जगह नए उम्मीदवारों को मौका देने की तैयारी में है। अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब दो दर्जन विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं।
कांग्रेस और राजद की अहम मुलाकात
राजद की बैठक से एक दिन पहले यानी 9 अक्टूबर को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ऑब्जर्वर राबड़ी देवी के आवास पर लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात भी राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। माना जा रहा है कि इस दौरान सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर भी चर्चा होगी ताकि महागठबंधन में मतभेद को जल्द सुलझाया जा सके।
सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तैयार
सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का लगभग खाका तैयार कर लिया गया है। राजद करीब 125 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस को 50 से 55 सीटें मिल सकती हैं। वहीं वाम दलों को 25 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। बची हुई 38 सीटों में से कुछ पाशुपति पारस की रालोजपा, मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को दी जाएंगी। राजद ने गठबंधन के भीतर तीन उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव भी रखा है। इसका उद्देश्य सभी सहयोगी दलों को संतुलित प्रतिनिधित्व देना बताया जा रहा है।
उम्मीदवारों की घोषणा में तेजी
10 अक्टूबर से पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। ऐसे में अब राजनीतिक दलों पर जल्द से जल्द उम्मीदवारों की घोषणा करने का दबाव बढ़ गया है। राजद अपने उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए संसदीय बोर्ड की बैठक में ही फैसला करेगी। लालू यादव की मंजूरी के बाद सूची को सार्वजनिक किया जाएगा।
महागठबंधन में पेंच, एनडीए में भी खींचतान
जहां एक ओर तेजस्वी यादव महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग पर बनी उलझन को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एनडीए में भी हालात पूरी तरह संतुलित नहीं हैं। एनडीए के घटक दलों के बीच भी सीटों को लेकर मतभेद सामने आ रहे हैं। चिराग पासवान की लोजपा(रा) और जीतनराम मांझी की हम पार्टी कुछ सीटों पर अधिक दावा कर रही हैं, जिसे लेकर बातचीत जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर जेडीयू नेताओं के साथ बैठक की है, जबकि चिराग पासवान ने भी आनन-फानन में आपात बैठक बुलाई है, जो उनके पार्टी कार्यालय में चल रही है। बिहार की राजनीति इस समय अपने चरम पर है। सभी दल उम्मीदवारों के चयन और सीट बंटवारे के अंतिम चरण में हैं। राजद की कल होने वाली बैठक से जहां पार्टी की रणनीति स्पष्ट होगी, वहीं यह भी तय होगा कि किन विधायकों को दोबारा मौका मिलेगा और किन्हें टिकट से वंचित रहना पड़ेगा। महागठबंधन और एनडीए दोनों ही गठबंधनों के सामने चुनौती यह है कि वे अंदरूनी असहमति को दूर करते हुए जल्द से जल्द अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करें। अब सभी की निगाहें लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की बैठक पर टिकी हैं, जो बिहार की चुनावी दिशा तय करेगी।

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