पटना में बढ़ा डेंगू का खतरा, अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी, नगर निगम ने शुरू की फॉगिंग

पटना। मानसून के दौरान बारिश भले ही सामान्य से कम हुई हो, लेकिन डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। जुलाई में अब तक 12 नए डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं, जबकि जून में यह संख्या 18 रही थी। इस बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य महकमे और नगर निगम की चिंता बढ़ा दी है। इसी को देखते हुए पटना नगर निगम ने डेंगू की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू कर दिया है।
नगर निगम की विशेष योजना
डेंगू को नियंत्रित करने के लिए पटना नगर निगम ने 375 विशेष टीमें तैनात की हैं। ये टीमें दो चरणों में पूरे शहर में लार्वानाशक दवा का छिड़काव और फॉगिंग कर रही हैं। नगर आयुक्त के अनुसार, इस बार सिर्फ छिड़काव तक ही काम सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हर वार्ड और अस्पताल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए डॉक्टरों की निगरानी और जियो टैग मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू की गई है, ताकि अभियान में कोई लापरवाही न हो।
हर घर में लार्वा खत्म करने की तैयारी
नगर निगम की योजना के तहत हर टीम को रोजाना 50 घरों में लार्वानाशक दवा का छिड़काव करना है। ये टीमें घरों के टैंक, कूलर, छतों और निर्माण स्थलों की सफाई और छिड़काव करेंगी। इससे मच्छरों के प्रजनन को रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा नगर निगम ने सुबह और शाम दो पालियों में फॉगिंग की व्यवस्था की है। खासतौर पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय फॉगिंग की जा रही है, क्योंकि इस समय डेंगू फैलाने वाले मच्छर ज्यादा सक्रिय रहते हैं।
स्कूल और अस्पतालों पर विशेष नजर
सरकारी अस्पतालों, स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को चिन्हित कर वहां विशेष छिड़काव और फॉगिंग कराई जा रही है। पीएमसीएच और एनएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों में अलग-अलग टीमें सुबह और शाम दो पालियों में काम कर रही हैं। इन जगहों पर मरीजों और उनके परिजनों की भीड़ लगी रहती है, इसलिए यहां संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।
शिकायत पर तुरंत कार्रवाई
नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर किसी इलाके में फॉगिंग या छिड़काव नहीं हो रहा है तो लोग इसकी शिकायत कर सकते हैं। शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर संबंधित क्षेत्र में फॉगिंग की व्यवस्था कर दी जाएगी। निगम अधिकारी हर हफ्ते दो बार इलाके का निरीक्षण करेंगे ताकि कहीं कोई चूक न रह जाए।
जनजागरूकता भी जरूरी
नगर निगम के अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें। डेंगू मच्छर साफ पानी में ही पनपते हैं, इसलिए टैंक, कूलर, गमले या अन्य बर्तनों में पानी जमा न होने दें। घरों के आसपास सफाई रखें और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या
पटना के सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। पीएमसीएच, एनएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों में अलग से डेंगू वार्ड बनाए गए हैं, ताकि मरीजों को उचित इलाज मिल सके। डॉक्टरों का कहना है कि शुरुआती लक्षण दिखते ही मरीज को तुरंत अस्पताल आना चाहिए। बुखार, बदन दर्द, आंखों के पीछे दर्द, थकान जैसे लक्षण डेंगू के संकेत हो सकते हैं।
निगरानी और सतर्कता जरूरी
नगर निगम के अभियान के बावजूद डेंगू से बचाव के लिए लोगों की सतर्कता सबसे जरूरी है। अगर लोग अपने घरों में साफ-सफाई बनाए रखें और मच्छरों को पनपने से रोकें तो डेंगू के प्रसार पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। नगर निगम की टीमों का प्रयास तभी सफल होगा, जब लोग खुद भी जिम्मेदारी निभाएंगे।
