CM नीतीश ने की बाढ़-सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की समीक्षा, कहा- प्रभावितों की सूची बनाने में पूरी पारदर्शिता रखें, कोई भी लाभ से न रहे वंचित

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस वर्ष मानसून अवधि में सामान्य वर्षा की संभावना है।
बाढ़ एवं सुखाड़ को देखते हुए पूरी तैयारी रखें
बैठक के दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि कोरोना संक्रमण का अभी दौर चल रहा है, इससे लोगों का बचाव हमारी प्राथमिकता है। पूरा प्रशासन इसके लिए तत्परता से काम कर रहा है। इस विषम परिस्थिति में सबको मिल-जुलकर काम करना है। उन्होंने कहा कि बिहार में कभी बाढ़, कभी सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है। हर वर्ष की तरह इस बार भी बाढ़ एवं सुखाड़ की संभावना को देखते हुए पूरी तैयारी रखें। बाढ़ की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों का टीम बनाकर सही आकलन करवाएं। साथ ही प्रभावित लोगों की सूची बनाते समय पूरी पारदर्शिता बरती जाए ताकि कोई भी पीड़ित लाभ से वंचित न रहे। बाढ़ राहत कार्यों में जिन-जिन पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं जीविका दीदियों का सहयोग लिया जाएगा, उनका टीकाकरण अवश्य करवा लें।
एमएलए-एमएलसी से जल्द सुझाव लें
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा हेतु बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को जल्द पूरा करें। बाढ़ की स्थिति में तटबंधों के निगरानी हेतु विशेष सतर्कता बरती जाए। इसके लिए गश्ती कार्य नियमित रुप से हो। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों एवं विधान पार्षदों से उनके क्षेत्रों के संबंध में भी जल्द से जल्द सुझाव लें और उस पर अमल करें। पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मति की पूर्ण तैयारी रखें। ग्रामीण सड़कें जो पहले से क्षतिग्रस्त हैं, उनका भी मरम्मति कार्य जल्द पूर्ण करें। गुणवत्ता पूर्ण सड़कों का निर्माण के साथ-साथ उनको मेनटेन रखना भी उतना ही जरुरी है।
बाढ़ राहत केंद्र के लिये जगह को चिन्हित करें
सीएम नीतीश ने कहा कि 30 मई तक पशुचारा का दर एवं आपूर्तिकर्ता, बाढ़ राहत सामग्री आदि के संबंध में पूरी व्यवस्था कर लें। सुखाड़ की स्थिति में पशुओं के लिए जल की उपलब्धता हो, इसकी भी तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि हर घर तक नल का जल के माध्यम से लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही अगर कहीं चापाकल की आवश्यकता महसूस होगी तो उसकी भी व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ की संभावना को देखते हुये बाढ़ राहत केंद्र के लिये जगह को चिन्हित कर पहले से ही सारी तैयारी रखें। संबद्ध विभाग संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ को लेकर पूर्ण तैयारी रखें। इसको लेकर जून के पहले सप्ताह में एक बार फिर से समीक्षा की जाएगी।

पूर्व तैयारी संबंधित मुख्य बातों की जानकारी : इसके पहले आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारी संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार बाढ़ आपदा प्रबंधन किया जाएगा। उन्होंने एनडीआरएफ-एसडीआरएफ प्रतिनियुक्ति, नाव, पॉलीथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, बाढ़ स्थलों का चिन्हिकरण आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में उपस्थित : मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार और चंचल कुमार उपस्थित थे, जबकि वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोनों उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी, प्राधिकरण के सदस्य पीएन राय, उदय कांत मिश्रा, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव पथ अमृत लाल मीणा, अपर मुख्य सचिव शिक्षा संजय कुमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार सहित संबद्ध विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी रेंज के आईजी, डीआईजी, सभी जिलों के जिलाधिकारी, एसएसपी व एसपी जुड़े हुए थे।