October 29, 2025

22 सितंबर से प्रदेश में शुरू होगा राशन कार्ड बनाने का अभियान, 10 अक्टूबर तक लगेंगे कैंप

पटना। बिहार सरकार ने राज्य के अधिकतम पात्र परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाने की घोषणा की है। यह अभियान 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 10 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। इस दौरान जिला और पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में लोग सीधे जाकर अपना आवेदन कर सकेंगे और तुरंत उसका पंजीकरण ऑनलाइन पोर्टल पर होगा।
अभियान की आवश्यकता और उद्देश्य
आज भी राज्य के कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें विभिन्न कारणों से राशन कार्ड का लाभ नहीं मिल पाया है। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले लोग तकनीकी जानकारी के अभाव, डिजिटल संसाधनों की कमी या प्रशासनिक जटिलताओं के कारण इस सुविधा से वंचित रह जाते हैं। सरकार का मानना है कि हर पात्र व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा का अधिकार मिलना चाहिए। इस अभियान का उद्देश्य यही है कि राज्य का कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति सस्ती दर पर अनाज प्राप्त करने से वंचित न रह जाए।
कैम्प लगाने की व्यवस्था
पूरे राज्य में पंचायत स्तर पर इस अभियान के अंतर्गत शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों का आयोजन मुख्यतः पंचायत सरकार भवनों में किया जाएगा। विभाग ने इसके लिए एक रोस्टर तैयार किया है जिसके अनुसार अलग-अलग तिथियों पर ये शिविर संचालित होंगे। प्रत्येक शिविर में आपूर्ति विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहेंगे। इस व्यवस्था से पात्र आवेदकों को सीधे मौके पर ही आवेदन करने और उसका त्वरित पंजीकरण कराने की सुविधा मिलेगी।
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
इस अभियान की सबसे खास बात यह है कि आवेदन की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाएगा। शिविर में मौजूद टीम कंप्यूटर और लैपटॉप की मदद से आवेदनों को उसी समय ‘Rconline.bihar.gov.in’ पोर्टल पर दर्ज करेगी। आवेदन जमा करने के बाद आवेदक को तुरंत रसीद दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि लोगों को बार-बार कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और पूरा काम पारदर्शी तरीके से तुरंत पूरा होगा।
जांच और पात्रता
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि केवल आवेदन करने से ही राशन कार्ड जारी नहीं होगा, बल्कि इसके लिए तय जांच प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। आवेदन के बाद सम्बंधित अधिकारी आवेदक की पात्रता की पुष्टि करेंगे। जांच के उपरांत उन्हीं परिवारों को राशन कार्ड जारी किया जाएगा जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की शर्तों के अंतर्गत योग्य पाए जाएंगे। इस तरह से सुनिश्चित होगा कि केवल वास्तविक जरूरतमंद और पात्र लोग ही इस योजना का लाभ लें।
पारदर्शिता और सरलता पर जोर
अक्सर शिकायत आती थी कि राशन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया में समय अधिक लगता है और लोगों को कार्यालयों के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने कैम्प मोड का विकल्प चुना है ताकि आवेदन प्रक्रिया अधिक सरल हो सके। ऑनलाइन पंजीकरण और त्वरित रसीद व्यवस्था से पारदर्शिता भी बढ़ेगी। यह पहल लोगों का भरोसा बनाएगी और भ्रष्टाचार की संभावनाओं को भी कम करेगी।
ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
इस अभियान का खास फोकस उन लोगों को लाभ पहुंचाना है जो अब तक तकनीकी संसाधनों की कमी के कारण राशन कार्ड से वंचित रह गए थे। ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट या डिजिटल सुविधा कम होने से कई लोग आवेदन नहीं कर पाते। इसी वजह से इस बार कैम्प सीधे पंचायत स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि लोगों को दूर-दराज के सरकारी कार्यालयों का रुख न करना पड़े और वे अपने ही गांव में सुविधा का लाभ उठा सकें।
प्रचार-प्रसार की योजना
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि शिविरों की तारीख और स्थान की जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर लोगों को सूचित किया जाएगा ताकि किसी भी पात्र व्यक्ति को जानकारी के अभाव में अवसर चूकना न पड़े। पंचायत स्तर पर प्रचार के जरिए व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित की जाएगी और अधिक से अधिक लोग अभियान का हिस्सा बन सकें।
अभियान से अपेक्षित लाभ
इस पहल से राज्य में राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया तेज और सुगम हो जाएगी। पात्र परिवारों को सस्ती दर पर अनाज उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता और मजबूत होगी। साथ ही, यह सुनिश्चित होगा कि वास्तविक जरूरतमंद ही लाभान्वित हों और अपात्र लोगों को योजनाओं में प्रवेश न मिल पाए। बिहार सरकार द्वारा शुरू किया जा रहा यह अभियान सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर और हाशिए पर रहने वाले परिवारों के लिए राशन कार्ड जीवन-निर्वाह का आधार है। इस कारण से यह प्रयास न केवल पारदर्शिता और दक्षता लाएगा, बल्कि गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा का भरोसा भी देगा। कैम्प मोड की यह व्यवस्था वास्तव में सरकार की उस संवेदनशील सोच को दर्शाती है जिसका उद्देश्य है कि कोई भी पात्र व्यक्ति भोजन से वंचित न रह जाए।

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