तमिलनाडु में आईएसआईएस के 15 ठिकानों पर ताबड़तोड़ एनआईए की छापेमारी, मचा हड़कंप, फोर्स तैनात

चेन्नई। इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कार्रवाई की है। तमिलनाडु में आईएसआईएस से जुड़े 15 ठिकानों पर मंगलवार को छापेमारी की गई। सीरकाजी और थिरुमुलैवासल में तलाशी ली गई। यह जांच आईएसआईएस के उस मॉडल के खिलाफ हो रही है, जिसके जरिए युवाओं को कट्टरपंथ बनाया जा रहा है। केरल, तमिलनाडु के युवाओं को आईएसआईएस में भर्ती कराने की कोशिश हो रही है। चेन्नई के मायिलादुथुरई समेत कई इलाकों पर एनआईए की छापेमारी जारी है। अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है। एजेंसी ने 25 जनवरी को दो संदिग्ध को गिरफ्तार किया था। ये लोग प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़े थे। एजेंसी की ओर से यह छापेमारी इस्लामिक स्टेट के अलावा कुछ और विदेशी आतंकी संगठनों के साथ लिंक को लेकर की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि चेन्नै और मायिलादुथुरई समेत कई इलाकों में ये रेड मारी जा रही हैं। अब भी एनआईए की टीमें सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। एजेंसी ने 25 जनवरी को ही दो संदिग्ध लोगों को अरेस्ट किया था। ये लोग प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़े हुए थे और उनका पीएमके के नेता वी। रामलिंगम की हत्या में हाथ माना जा रहा है। वी। रामलिंगम का 2019 में कत्ल हो गया था। इस मामले को सांप्रदायिक ऐंगल से देखा जा रहा है और जब जांच आगे बढ़ी तो इसमें पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम सामने आया। एनआईए ने पहले भी तमिलनाडु में तंजावुर, तिरुचि, कोयंबटूर, मदुरै और अन्य इलाकों में इसी तरह की छापेमारी की है। ये छापे मुख्य रूप से प्रतिबंधित पीएफआई के पूर्व सदस्यों को लेकर डाले गए थे, जिसे केंद्र सरकार ने 2022 में प्रतिबंधित कर दिया था। आज मंगलवार की यह कार्रवाई कथित तौर पर तंजावुर में पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) नेता रामलिंगम की 2019 में हुई हत्या की जांच से जुड़ी है। रामलिंगम की कथित तौर पर 5 फरवरी, 2019 को पीएफआई सदस्यों द्वारा हत्या कर दी गई थी, क्योंकि उन्होंने वंचित समुदायों के बीच जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध किया था। इस मामले में एनआईए ने पहले 18 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। 24 सितंबर, 2024 को एनआईए ने चेन्नई, कन्याकुमारी और पुदुकोट्टई सहित तमिलनाडु में 12 स्थानों पर छापे मारे थे। ये छापे प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) की भर्ती गतिविधियों से जुड़े थे, जिसका उद्देश्य अपने संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी के संविधान द्वारा शासित एक इस्लामिक राज्य की स्थापना करना है। एनआईए ने तमिलनाडु पुलिस से एचयूटी मामले को अपने हाथ में लिया और 31 अगस्त, 2024 को बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एचयूटी कार्यकर्ता अजीज अहमद (जिसे जलील अजीज अहमद के नाम से भी जाना जाता है) को गिरफ्तार किया, क्योंकि वह देश से भागने की कोशिश कर रहा था। अजीज की गिरफ्तारी को भारत में एचयूटी की गतिविधियों पर कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में देखा गया। इससे पहले, 1 अगस्त, 2024 को, तमिलनाडु पुलिस ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर एचयूटी से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें इंजीनियरिंग स्नातक हमीद हुसैन, उनके पिता और उनके भाई शामिल थे, जिन पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए थे। इसके बाद की जांच में चेन्नई और उत्तरी तांबरम में छापेमारी के बाद तीन अतिरिक्त संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने खुलासा किया कि हमीद हुसैन एचयूटी के लिए भर्ती प्रयासों के पीछे का मास्टरमाइंड था और सोशल मीडिया पर इस्लामिक खिलाफत की वकालत करते हुए वीडियो शेयर कर रहा था। अधिकारियों के अनुसार, उसने अपने कुछ वीडियो में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की भी आलोचना की। एनआईए इन नेटवर्कों की जांच जारी रखे हुए है, जो उनकी भर्ती रणनीतियों और कट्टरपंथी प्रयासों के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
