प्रदेश के आठ जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश का अलर्ट, आकाशीय बिजली से दो लोगों की मौत, रहें सावधान

पटना। बिहार में पिछले कुछ दिनों से मौसम लगातार करवट ले रहा है। बुधवार को राज्य के कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश हुई, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने प्रदेश के 17 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और 20 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी भी दी गई है।
सुबह-सुबह छा गया अंधेरा
राज्य के कई जिलों जैसे बेतिया, बगहा, मोतिहारी, रक्सौल और दरभंगा में सुबह से ही आसमान पर काले बादल छाए रहे। दृश्यता इतनी कम हो गई कि लोगों को दिन में ही वाहनों की लाइट जलानी पड़ी। इन इलाकों में बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं भी चलीं, जिससे सड़कों पर जलजमाव और ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न हो गई।
तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का खतरा
मौसम विज्ञान केंद्र ने पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इन इलाकों में तेज आंधी और आकाशीय बिजली गिरने का भी खतरा बताया गया है। अनुमान है कि हवाएं 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, जिससे जन और धन की हानि की आशंका बनी हुई है।
आकाशीय बिजली से जानलेवा घटनाएं
तेज बारिश और आंधी के साथ बिजली गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं। पूर्णिया में एक महिला और अररिया में एक 11 साल के बच्चे की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। इससे पहले मधेपुरा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं अररिया और सुपौल में भी दो-दो लोगों की जान जा चुकी है। पिछले दो दिनों में आकाशीय बिजली गिरने से कुल 9 लोगों की जान चली गई है। एक अन्य महिला की मौत पेड़ गिरने से हुई।
निचले इलाकों में जलजमाव की समस्या
लगातार हो रही बारिश के कारण अररिया के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन गई है। नाले और सड़क का पानी घरों में घुस गया है, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रक्सौल और सुपौल में भी तेज आंधी और बारिश से पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की खबरें हैं।
तापमान में गिरावट दर्ज
बारिश और तेज हवाओं के चलते तापमान में थोड़ी गिरावट आई है। रोहतास बुधवार को 41 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म जिला रहा, जबकि गया में 39.8 डिग्री और पटना में 36.7 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। हालांकि पटना में सुबह बादल छाए रहे, लेकिन दोपहर तक तेज धूप निकल आई, जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा।
मानसून की जल्दी दस्तक की संभावना
इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून तय समय से पहले केरल तट पर दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून 27 मई को केरल पहुंचेगा, जबकि आमतौर पर यह 1 जून को आता है। अगर ऐसा होता है, तो यह 16 वर्षों में पहली बार होगा जब मानसून इतनी जल्दी आ रहा है। इससे पहले 2009 में 23 मई और 2018 में 29 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दी थी।
मानसून की देशभर में यात्रा
मौसम विभाग के अनुसार मानसून केरल में पहुंचने के बाद धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में फैलता है। यह आमतौर पर 8 जुलाई तक देश के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लेता है और फिर 17 सितंबर से वापसी की प्रक्रिया शुरू करता है, जो 15 अक्टूबर तक पूरी होती है।
सावधानी बरतने की अपील
मौसम विभाग ने राज्यवासियों से सावधानी बरतने की अपील की है। खासकर आकाशीय बिजली से बचने के लिए खुले में ना रहने, बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहने और सुरक्षित स्थान पर शरण लेने की सलाह दी गई है। प्रशासन भी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और आपदा से निपटने के लिए तैयारियों में जुटा है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगर मानसून 27 मई को आता है तो यह 16 साल में पहली बार होगा जब यह इतनी जल्दी दस्तक देगा। 2009 में 23 मई को और 2024 में 30 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दी थी। इसके अलावा 2018 में 29 मई को मानसून आया था। IMD ने बताया कि 1 जून को केरल पहुंचने के बाद मानसून 8 जुलाई तक अन्य राज्यों को कवर करता है। 17 सितंबर के आसपास राजस्थान के रास्ते वापसी शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरा हो जाता है।
