पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में 20 अप्रैल तक वर्षा का अलर्ट, मौसम विभाग ने वज्रपात से लोगों को किया सावधान

पटना। बिहार में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदला हुआ नजर आ रहा है। मौसम विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में तेज आंधी, बारिश और वज्रपात को लेकर 20 अप्रैल तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य में मौसमी गतिविधियां ट्रफ रेखा के कारण प्रभावित हो रही हैं, जो उत्तर बिहार से गुजर रही है। इसके प्रभाव से राज्य के अधिकतर हिस्सों में खराब मौसम की संभावना बनी हुई है।
तेज हवाओं और बारिश का कहर जारी
बीते 24 घंटों की बात करें तो दक्षिण-मध्य बिहार के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश दर्ज की गई है। गया जिले के डोभी में सर्वाधिक 8.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा अन्य जिलों में भी मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मौसम विभाग ने गया, नवादा, औरंगाबाद, लखीसराय, जमुई, भागलपुर, मुंगेर, बांका और किशनगंज जिलों के लिए विशेष तौर पर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां अगले 24 घंटों में आंधी और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
मानसून पूर्व की गतिविधियों का असर
मौसम विभाग के अनुसार, ट्रफ लाइन की सक्रियता और हवा में बढ़ती नमी के कारण पूर्वी बिहार के कई जिलों में 19 अप्रैल तक भारी बारिश हो सकती है। यह सब मानसून पूर्व की गतिविधियों का हिस्सा है, जिससे मौसम असामान्य बना हुआ है। विभाग ने अनुमान जताया है कि इस साल जून से सितंबर के बीच राज्य में सामान्य से थोड़ा कम, यानी 90 से 104 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। पिछले वर्ष 2024 में बिहार में मानसून 20 जून को पहुंचा था।
सावधानी और सुरक्षा की सलाह
बदलते मौसम को देखते हुए मौसम विभाग ने आम लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों और किसानों से कहा गया है कि वे बारिश और बिजली गिरने के दौरान खुले स्थानों पर न जाएं। खेतों में काम करते समय या बाहर निकलते समय मौसम की जानकारी अवश्य लें। किसान बारिश के समय खेतों की ओर न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।
जनजीवन पर असर, सतर्कता जरूरी
इस मौसम का असर जनजीवन पर भी देखने को मिल रहा है। शहरों और गांवों में लोग बारिश और आंधी से प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में सभी को मौसम से जुड़ी सरकारी सूचनाओं पर नजर रखने और आवश्यक एहतियात बरतने की जरूरत है। कुल मिलाकर, बिहार में अगले कुछ दिनों तक मौसम का यह बदला रूप बना रहेगा। ऐसे में सावधानी ही एकमात्र उपाय है जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सकता है।
