छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर पर सीबीआई का छापा, समर्थकों की नारेबाजी, बवाल बढ़ा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कई अन्य अधिकारियों के घरों पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छापा मारा है। यह छापा महादेव सट्टा ऐप मामले की जांच के तहत किया गया है। सीबीआई की 10 अलग-अलग टीमों ने यह कार्रवाई बुधवार, 26 मार्च को रायपुर, भिलाई और अन्य स्थानों पर की। इस छापेमारी को लेकर बघेल के समर्थकों में भारी आक्रोश है, और उन्होंने सीबीआई के खिलाफ नारेबाजी भी की।
किन-किन लोगों के घरों पर छापेमारी हुई
सीबीआई की टीमों ने न केवल भूपेश बघेल के घर बल्कि भिलाई विधायक देवेंद्र यादव, आईपीएस अधिकारी अभिषेक पल्लव, एएसपी आरिफ शेख, एएसपी संजय ध्रुव, आईजी आनंद छाबड़ा और दो पुलिसकर्मियों नकुल तथा सहदेव के घरों पर भी छापा मारा। इस दौरान कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के घरों की भी तलाशी ली गई।
छापेमारी के दौरान का माहौल
जब सीबीआई की टीम रायपुर स्थित भूपेश बघेल के घर पहुंची, तो उनके परिवार के सदस्य घर की छत पर नजर आए। इसके अलावा, सीबीआई की अन्य टीमों ने भिलाई के पदुमनगर स्थित घर, विधायक देवेंद्र यादव के सेक्टर 5 स्थित बंगले और आईपीएस अधिकारी अभिषेक पल्लव के सेक्टर 9 स्थित बंगले पर भी छापेमारी की। इस दौरान बघेल के समर्थकों में भारी गुस्सा देखने को मिला। बड़ी संख्या में लोग उनके घर के बाहर इकट्ठा होकर सीबीआई के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी महादेव सट्टा ऐप मामले में जांच की थी। 10 मार्च को ईडी ने दुर्ग जिले के 14 स्थानों पर छापा मारा था। उस दौरान भी भूपेश बघेल के आवास और उनके बेटे चैतन्य बघेल के घर की तलाशी ली गई थी। वह जांच लगभग 10 घंटे तक चली थी।
महादेव सट्टा ऐप मामला क्या है?
महादेव सट्टा ऐप एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है, जिसे लेकर कई राज्यों में जांच चल रही है। इस ऐप के जरिए कथित रूप से बड़े पैमाने पर काला धन इकट्ठा किया गया और देश के कई हिस्सों में इसे चलाने वाले गिरोहों की संलिप्तता की बात सामने आई है। इस मामले में पहले ही कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और अब सीबीआई इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच तेज कर रही है।
आगे की कार्रवाई
सीबीआई की इस छापेमारी के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं। इस मामले में जिन लोगों के घरों पर छापा मारा गया है, उनसे पूछताछ की जा सकती है। हालांकि, भूपेश बघेल और अन्य लोगों की तरफ से इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह छापेमारी छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचाने वाली है। समर्थकों का गुस्सा और विरोध प्रदर्शन यह दर्शाता है कि इस मामले में राजनीतिक विवाद बढ़ सकता है। अब यह देखना होगा कि सीबीआई की जांच में क्या नए खुलासे होते हैं और इस पूरे मामले की सच्चाई क्या है।
