पटना में बिना लाइसेंस के पैकेज ड्रिंकिंग वॉटर की फैक्ट्री में छापेमारी, नकली आईएसआई मार्क वाले पानी और अन्य उत्पाद जब्त

सांकेतिक तस्वीर

पटना। राजधानी पटना के पास संपतचक थाना क्षेत्र में एक अवैध पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर फैक्ट्री पर बड़ी कार्रवाई की गई है। यह छापेमारी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की पटना शाखा द्वारा की गई, जिसमें भारी मात्रा में नकली आईएसआई मार्क लगे पानी के पैकेट और अन्य उत्पाद जब्त किए गए। यह फैक्ट्री बिना किसी वैध लाइसेंस के लंबे समय से संचालन कर रही थी।
बीआईएस अधिनियम के तहत कार्रवाई
यह कार्रवाई भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 की धाराओं के अंतर्गत की गई। छापेमारी का नेतृत्व वैज्ञानिक ‘ई’ निदेशक चंद्रकेश सिंह ने किया। इस अभियान में बीआईएस टीम को पटना एसएसपी और सोनपुर के गोपालपुर थाना की सहायता प्राप्त हुई। कार्रवाई के दौरान ‘कृष्णा इंटरप्राइजेज’ नामक कंपनी के परिसर की जांच की गई और वहां से बड़ी मात्रा में नकली उत्पाद जब्त किए गए।
नकली आईएसआई मार्क और खतरा
पकड़े गए उत्पादों पर नकली आईएसआई मार्क लगा हुआ था, जो उपभोक्ताओं को भ्रमित करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। यह मार्क किसी भी उत्पाद की गुणवत्ता और सुरक्षा की गारंटी माना जाता है, लेकिन बिना प्रमाणन के इस्तेमाल करना गैरकानूनी है। बिना आईएसआई मान्यता के बिक रहा पैकेज्ड पेयजल स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है। इसमें जलजनित बीमारियां जैसे हैजा, टाइफाइड और पेट की बीमारियों का खतरा रहता है।
उपभोक्ताओं से सावधानी बरतने की अपील
बीआईएस ने आम जनता से नकली आईएसआई मार्क वाले उत्पादों को लेकर सतर्क रहने की अपील की है। उपभोक्ता अब BIS-Care नामक मोबाइल एप के माध्यम से किसी भी उत्पाद के आईएसआई मार्क को स्कैन कर उसकी प्रमाणिकता की जांच कर सकते हैं। यह एप्लिकेशन उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने के साथ-साथ उन्हें ठगी से बचाने का एक अहम माध्यम है।
कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया
भारतीय मानक अधिनियम, 2016 की धारा 17 और 29 के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा बिना लाइसेंस आईएसआई मार्क का प्रयोग करने पर 2,00,000 तक जुर्माना और अधिकतम दो साल की सजा, या दोनों का प्रावधान है। कृष्णा इंटरप्राइजेज के विरुद्ध बीआईएस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और इस मामले को अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा।
भविष्य में भी जारी रहेगी कार्रवाई
छापेमारी के बाद बीआईएस पटना शाखा के प्रमुख चंद्रकेश सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों पर भविष्य में भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना था कि बाजार में बिकने वाले सभी उत्पाद प्रमाणिक हों, यह सुनिश्चित करना बीआईएस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। यह मामला दिखाता है कि किस प्रकार कुछ कारोबारी बिना लाइसेंस और मान्यता के लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहना होगा और केवल प्रमाणित उत्पादों का ही उपयोग करना चाहिए। सरकार और बीआईएस की सक्रियता से उम्मीद है कि ऐसे फर्जी धंधों पर रोक लगेगी और बाजार में केवल सुरक्षित और विश्वसनीय उत्पाद ही उपलब्ध होंगे।

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