पश्चिम चंपारण में डीईओ के आवास पर निगरानी विभाग की छापेमारी, मचा हडकंप, भारी पुलिस बल तैनात

बेतिया। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) रजनी कांत प्रवीण के खिलाफ निगरानी विभाग की बड़ी कार्रवाई हुई है। बुधवार को बेतिया के सरिसवा रोड स्थित उनके किराए के मकान पर निगरानी विभाग ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी सुबह से शुरू हुई। निगरानी विभाग के अधिकारियों ने डीईओ रजनी कांत प्रवीण के आवास के साथ-साथ उनके दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की। चार टीमों ने एक साथ विभिन्न जगहों पर कार्रवाई की। इस दौरान लगभग 1.87 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ, जो उनकी आय के वैध स्रोत से काफी अधिक है।
अवैध संपत्ति का विवरण
निगरानी विभाग ने बताया कि रजनी कांत प्रवीण ने वर्ष 2005 से लेकर अब तक लगभग 1.87 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति अर्जित की है। यह संपत्ति उनके आय के ज्ञात स्रोतों से मेल नहीं खाती। जांच अधिकारियों का कहना है कि यह संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की गई है।
रजनीकांत प्रवीण का करियर और आरोप
रजनी कांत प्रवीण बिहार राज्य शिक्षा विभाग के 45वें बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने वर्ष 2005 में अपनी सेवा शुरू की और दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी और अन्य जिलों में शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्य किया। 19-20 वर्षों के कार्यकाल में उन पर अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।
पत्नी पर भी लगे आरोप
रजनी कांत प्रवीण की पत्नी शुष्मा कुमारी, जो पहले संविदा शिक्षिका थीं, अब दरभंगा के ओपन माइंड बिरला स्कूल की निदेशक/मालकिन के रूप में काम कर रही हैं। आरोप है कि यह संस्थान रजनी कांत प्रवीण के अवैध रूप से अर्जित धन के वित्तीय निवेश से चल रहा है।
विश्वसनीय जानकारी से खुलासा
निगरानी विभाग को एक विश्वसनीय स्रोत से सूचना मिली थी कि रजनी कांत प्रवीण ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की है। इस जानकारी के आधार पर छापेमारी की गई।
कानून व्यवस्था और छापेमारी का असर
निगरानी विभाग की इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है।
निगरानी विभाग की टिप्पणी
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों और संपत्ति का गहराई से विश्लेषण किया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। रजनी कांत प्रवीण के खिलाफ हुई इस बड़ी कार्रवाई ने सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मामलों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। मामले की जांच जारी है, और निगरानी विभाग ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यह कार्रवाई अन्य अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
