November 12, 2025

बेतिया में सरकार पर बरसी प्रियंका गांधी, कहा- किसान कर्ज से टूट रहा और उद्योगपतियों के कर्ज हो रहे माफ, अब इनको बदल देंगे

बेतिया/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार को पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया पहुंचीं। चनपटिया में आयोजित एक विशाल जनसभा में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उनके भाषण में किसानों की परेशानी, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। प्रियंका गांधी ने कहा कि 20 साल की सरकार ने बिहार की जनता को केवल संघर्ष करने की आदत डलवा दी है। अब समय आ गया है कि लोग इस सरकार को बदल दें।
चंपारण की धरती से बदलाव की पुकार
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत ऐतिहासिक चंपारण आंदोलन का ज़िक्र करते हुए की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने इसी धरती से आज़ादी की लड़ाई की शुरुआत की थी और आज फिर उसी चंपारण की धरती से अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज़ उठ रही है। उन्होंने कहा, “पहले अंग्रेज़ों का राज था, आज मोदी का साम्राज्य चल रहा है। इस राज में हर चीज़ महंगी हो गई है और आम जनता महंगाई के बोझ से टूट चुकी है।” उन्होंने कहा कि आज के हालात में किसान कर्ज़ में डूबे हैं। किसान मेहनत करते हैं, फसल उगाते हैं, लेकिन उन्हें उसकी कीमत नहीं मिलती। “मोदी सरकार में किसानों का कर्ज़ कभी माफ़ नहीं होता, लेकिन अडानी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों के लाखों-करोड़ों के कर्ज़ माफ़ कर दिए जाते हैं। यही इस सरकार की असली नीति है — अमीरों को राहत और गरीबों को तकलीफ।”
रोजगार और उद्योग पर सवाल
प्रियंका गांधी ने रोजगार और उद्योगों की स्थिति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में जितने सरकारी उद्योग और कारखाने थे, उन्हें धीरे-धीरे खत्म कर दिया गया है। “पहले लोग चाहते थे कि सरकारी फैक्टरी में नौकरी मिल जाए, लेकिन आज मोदी सरकार ने सभी उद्योग अपने दो दोस्तों को सौंप दिए हैं। अब सरकारी संस्थानों में ठेकेदारी चल रही है। देश की संपत्ति को खत्म किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को न तो रोजगार की चिंता है और न ही किसानों की। “वो केवल यह देखने में व्यस्त हैं कि कांग्रेस के पोस्टर में तेजस्वी यादव की तस्वीर छोटी क्यों है। प्रधानमंत्री देश के मुद्दों पर नहीं, विपक्ष के पोस्टर पर राजनीति करते हैं।”
युवाओं की आवाज़ को दबाया जा रहा है
सभा के दौरान एक युवक प्रियंका गांधी से अपनी समस्या बताने के लिए आगे बढ़ा। उन्होंने उसे मंच पर बुलाया और नाम पूछा। युवक ने बताया कि उसका नाम आरिफ है और उसने तथा उसके साथियों ने नीट और एसएससी की परीक्षा दी थी। लेकिन पेपर लीक होने के कारण परिणाम गड़बड़ हुए। जब उन्होंने विरोध किया, तो प्रशासन ने लाठीचार्ज कर दिया। प्रियंका गांधी ने कहा कि “यह सरकार जनता की आवाज़ दबाने में लगी है। पुलिसवालों की गलती नहीं है, उन्हें ऐसा करने को कहा गया है क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि जनता अपनी बात रखे। जिस देश में युवाओं की आवाज़ को कुचला जाता है, वह देश आगे नहीं बढ़ सकता।”
“मकान सिंह, खदान सिंह और ठेकेदार सिंह से सावधान रहें”
सभा में मौजूद नेताओं ने जब कहा कि भाजपा विधायक मकान सिंह ने चनपटिया को लूटा है, तो प्रियंका गांधी ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा, “कैसे-कैसे नाम हैं, मकान सिंह। जैसा नाम, वैसा काम। जनता को लूटकर अपने मकान बना रहे हैं। बिहार में न जाने कितने मकान सिंह, खदान सिंह और ठेकेदार सिंह हैं, जो जनता को लूट रहे हैं।” उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार जो केवल ठेकेदारों और उद्योगपतियों के लिए काम करती है, उसे बदलने का वक्त आ गया है। “यह सरकार जनता की नहीं, पूंजीपतियों की है। जनता को अब यह पहचानना होगा कि किसे वोट देना है और किससे सवाल पूछना है।”
“नीतीश कुमार के पास अब कोई अधिकार नहीं”
प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब बिहार की सरकार नीतीश कुमार नहीं, बल्कि दिल्ली से चल रही है। “नीतीश कुमार के पास अब कोई अधिकार नहीं है। वे केवल नाम के मुख्यमंत्री हैं। असली फैसले दिल्ली से होते हैं, और बिहार की जनता को इसका नुकसान उठाना पड़ता है।” उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति बदतर होती जा रही है। “सरकार ने पिछले 20 वर्षों में विकास के नाम पर केवल वादे किए हैं। न नौकरियां बढ़ीं, न उद्योग लगे, न किसान की आय बढ़ी। हर वर्ग आज परेशान है।”
राहुल गांधी की यात्रा का जिक्र
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में राहुल गांधी की यात्रा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने वोट चोरी के खिलाफ यात्रा निकाली थी, लेकिन भाजपा ने उसे घुसपैठियों की यात्रा कह दिया। “मैं पूछना चाहती हूं कि क्या बिहार के लोग घुसपैठिए हैं? राहुल गांधी जनता की आवाज़ उठा रहे हैं और भाजपा झूठे प्रचार में लगी है।” उन्होंने कहा कि आज देश में हर जगह वोट चोरी और भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। “हमें नहीं पता कि आने वाले दिनों में चुनाव होंगे भी या नहीं। यह लोकतंत्र के लिए खतरे की स्थिति है।”
जनता से की बदलाव की अपील
प्रियंका गांधी ने कहा कि देश और राज्य की मौजूदा स्थिति को बदलने की जिम्मेदारी जनता के हाथ में है। “आपके पूर्वजों ने आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी। अब आपको इस अन्याय के खिलाफ नई लड़ाई लड़नी होगी। यह चुनाव सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, बल्कि सोच बदलने का चुनाव है।” उन्होंने कहा कि बिहार की जनता में असीम शक्ति है। “अब वक्त आ गया है कि आप अपनी ताकत को पहचानें और ऐसी सरकार को खदेड़ दें जो जनता की आवाज़ को दबाती है। ऐसी सरकार लाएं जो रोजगार दे, किसानों का कर्ज़ माफ करे, और युवाओं को अवसर दे।” प्रियंका गांधी का बेतिया में यह भाषण स्पष्ट रूप से चुनावी रणभेरी जैसा रहा। उन्होंने एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर निशाना साधा, वहीं दूसरी ओर जनता से बदलाव की अपील की। उनके शब्दों में चंपारण आंदोलन की ऐतिहासिक गूंज और आज के बिहार की सामाजिक-आर्थिक सच्चाई का मिला-जुला स्वर था। प्रियंका गांधी ने कहा, “आज अंग्रेज़ नहीं, लेकिन उनकी तरह सोचने वाले लोग सत्ता में हैं। अगर गांधीजी ने अंग्रेज़ों को हटाया था, तो अब बिहार की जनता इन शोषक नीतियों को हटाएगी। उनका संदेश साफ था — अब संघर्ष की नहीं, बदलाव की लड़ाई का समय आ गया है।

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