मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में नारियल, फूल और प्रसाद पर प्रतिबंध, अलर्ट के बाद लिया गया फैसला

मुंबई। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए देश के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में मुंबई के प्रसिद्ध श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर में भी सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया है। मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से एक बड़ा फैसला लेते हुए मंदिर में नारियल, फूलों के हार और बाहर से लाए गए प्रसाद को प्रतिबंधित कर दिया है।
पुलिस की सलाह पर लिया गया फैसला
यह निर्णय मुंबई पुलिस की ओर से जारी एडवाइजरी और हालिया खुफिया अलर्ट को देखते हुए लिया गया है। मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी भास्कर शेट्टी ने बताया कि पुलिस द्वारा सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं, जिनके आधार पर यह कदम उठाया गया है। पुलिस को आशंका है कि नारियल, फूल या प्रसाद में विस्फोटक या जहरीले पदार्थ छिपाए जा सकते हैं, जिससे मंदिर और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
श्रद्धालुओं की आस्था के साथ सुरक्षा को प्राथमिकता
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सदा स्वर्णकार ने बताया कि सिद्धिविनायक मंदिर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है और यह आतंकियों के निशाने पर भी है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हाल में दिए गए इनपुट के अनुसार, मंदिर जैसे भीड़-भाड़ वाले धार्मिक स्थल संवेदनशील हैं। उन्होंने बताया कि नारियल जैसे वस्तुएं स्कैनर में आसानी से नहीं पहचानी जातीं और प्रसाद में ज़हर जैसी वस्तुएं मिलाए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
11 मई से लागू होगा नया नियम
यह प्रतिबंध 11 मई 2025 से लागू किया जाएगा। मंदिर प्रशासन ने प्रतिबंध लागू करने से पहले मंदिर के बाहर फूल और प्रसाद बेचने वाले विक्रेताओं से बातचीत की और उनके आग्रह पर उन्हें मौजूदा स्टॉक बेचने के लिए कुछ समय दिया गया। यह प्रतिबंध स्थायी नहीं है, बल्कि परिस्थितियों के सामान्य होने पर इसे हटाने पर विचार किया जाएगा।
भक्तों की सुविधा के लिए नए उपाय
मंदिर प्रशासन अब इस दिशा में विचार कर रहा है कि श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में ही फूल और दूर्वा घास उपलब्ध कराई जाए ताकि वे अपनी आस्था व्यक्त कर सकें। इससे न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा बनी रहेगी, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था भी नियंत्रित रहेगी।
सेवानिवृत्त जवानों की तैनाती से सुरक्षा मजबूत
मंदिर की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए ट्रस्ट ने सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त 20 जवानों को मंदिर परिसर में तैनात करने का फैसला लिया है। ये जवान हथियारबंद होंगे और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगे। इस कदम से सुरक्षा के स्तर को काफी हद तक बढ़ाया जाएगा।
भविष्य की आशंकाओं को देखते हुए सावधानी जरूरी
मुंबई, जो पहले भी 26/11 जैसे भीषण आतंकी हमलों का गवाह रह चुका है, एक बार फिर खुफिया एजेंसियों की नजर में संवेदनशील बना हुआ है। हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘पहलगाम हमले’ जैसी घटनाओं ने देश भर में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा है। मुंबई में रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे और धार्मिक स्थलों सहित अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील
मंदिर प्रशासन ने सभी भक्तों से अपील की है कि वे इस अस्थायी प्रतिबंध का सम्मान करें और सुरक्षा जांच में पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यह कदम श्रद्धालुओं की भलाई के लिए उठाया गया है और सभी से अपेक्षा है कि वे धैर्य और समझदारी से काम लें। परिस्थिति सामान्य होने पर पुराने नियमों को फिर से बहाल किया जा सकता है।

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