नाबालिक वाहन चालकों के खिलाफ अभियान शुरू करेगी ट्रैफिक पुलिस, बनेगी कई टीम, लगेगा मोटा जुर्माना

पटना। राजधानी में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने के उद्देश्य से ट्रैफिक पुलिस ने नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने के मामलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पकड़े जाने पर उनके अभिभावकों को भारी जुर्माना भरना होगा और नाबालिगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। पटना ट्रैफिक पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजना बनाई है कि यातायात नियमों का पालन किया जाए और सड़कों पर सुरक्षा बनी रहे। यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके अभिभावकों को 25,000 का जुर्माना भरना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, नाबालिग के खिलाफ *जुवेनाइल जस्टिस एक्ट* के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। नाबालिग द्वारा वाहन चलाते पकड़े जाने पर संबंधित वाहन का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी वाहन मालिक इस नियम का उल्लंघन न करे। स्कूल-कॉलेज, मॉल और सिनेमा हॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर विशेष अभियान चलाया जाएगा। परिवहन और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त टीम इन जगहों पर तैनात रहेगी ताकि नाबालिग वाहन चालकों को रोका जा सके। परिवहन विभाग ने जिलों में जागरूकता अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे अभिभावकों को सूचित करें कि छात्र-छात्राएं वाहन लेकर स्कूल न आएं। राज्य परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस इस समस्या को लेकर बेहद गंभीर हैं। विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नाबालिग वाहन चालकों पर लगाम लगाने के लिए चलंत टीम गठित की जाएगी। इन टीमों को विभिन्न स्थानों पर नियमित जांच करने का निर्देश दिया गया है। इस अभियान के तहत अभिभावकों को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। यदि उनके बच्चे नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़े गए, तो अभिभावकों को जुर्माना अदा करना होगा। स्कूल प्रशासन से भी अपेक्षा की गई है कि वे बच्चों और उनके अभिभावकों को इस नियम के प्रति जागरूक करें। पटना सहित पूरे बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है, जिनमें नाबालिग वाहन चालकों की भागीदारी देखी गई है। यह अभियान दुर्घटनाओं को रोकने और सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि यह अभियान यातायात नियमों के पालन में सहायक होगा, लेकिन इसकी सफलता इस पर निर्भर करेगी कि इसे कितनी सख्ती और निरंतरता के साथ लागू किया जाता है। पुलिस और परिवहन विभाग को न केवल जुर्माना लगाने बल्कि जागरूकता फैलाने पर भी जोर देना होगा। पटना ट्रैफिक पुलिस का यह कदम न केवल यातायात नियमों के पालन को सुनिश्चित करेगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायक होगा। अभिभावकों और स्कूल प्रशासन को चाहिए कि वे बच्चों को वाहन चलाने से रोकने में अपनी भूमिका निभाएं। इस पहल से न केवल पटना, बल्कि पूरे बिहार में सड़क सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
