September 13, 2025

मणिपुर हिंसा के बाद पहली बार पीएम का दौरा, मोदी बोले- मैं आप लोगों को नमन करता हूं, मणिपुर के साथ है भारत सरकार

चुराचांदपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले भड़की जातीय हिंसा के बाद पहली बार मणिपुर का दौरा किया। इस दौरे को राज्य की शांति बहाली और विकास की दिशा में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है। चुराचांदपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने विकास योजनाओं की आधारशिला रखी और जनसभा को संबोधित करते हुए मणिपुर के लोगों को भरोसा दिलाया कि भारत सरकार उनके साथ खड़ी है।
मणिपुर की धरती और लोगों के साहस को सलाम
अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के लोगों के साहस और जज्बे की सराहना की। उन्होंने कहा कि मणिपुर की धरती हौसले और हिम्मत की प्रतीक है। यहां की पहाड़ियां न केवल प्रकृति का उपहार हैं, बल्कि यहां के लोगों की निरंतर मेहनत का भी प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री ने बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों के उत्साह की प्रशंसा की और कहा कि मणिपुर के नाम में ही ‘मणि’ है, जो पूरे पूर्वोत्तर की चमक बढ़ाने वाला है।
विकास कार्यों की नई सौगात
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर करीब 7 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उनका कहना था कि ये योजनाएं विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों और जनजातीय समाज के जीवन स्तर को सुधारेंगी। उन्होंने बताया कि पहले गांवों तक पहुंचना बेहद कठिन था, लेकिन अब सैकड़ों गांवों में सड़क संपर्क पहुंच चुका है। इसके साथ ही रेल संपर्क पर भी विशेष जोर दिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन जल्द ही पूरी हो जाएगी और इंफाल राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। यह परियोजना मणिपुर की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में एक अहम कदम साबित होगी।
बुनियादी सुविधाओं का विस्तार
प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की उन योजनाओं का भी जिक्र किया जिनका लाभ मणिपुर तक पहुंचा है। उन्होंने बताया कि पूरे देश की तरह मणिपुर के हजारों परिवारों को भी पक्के मकान मिले हैं। इसके अलावा जल जीवन मिशन के तहत अब लाखों घरों तक नल से पानी की सुविधा पहुंच चुकी है। पहले जहां केवल 25-30 हजार घरों में ही पाइप से पानी मिलता था, वहीं आज यह संख्या साढ़े तीन लाख से अधिक हो गई है।
आर्थिक प्रगति और भारत का भविष्य
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत आज तेजी से विकास कर रहा है और बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। इस विकास यात्रा में पूर्वोत्तर और विशेषकर मणिपुर की अहम भूमिका होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि यहां की धरती और यहां के लोग आने वाले समय में देश की प्रगति में बड़ा योगदान देंगे।
शांति स्थापना के प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में शांति पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार लगातार विभिन्न संगठनों के साथ बातचीत कर रही है। हाल ही में पहाड़ी और घाटी में सक्रिय संगठनों से संवाद की प्रक्रिया आगे बढ़ी है। यह इस बात का प्रमाण है कि केंद्र सरकार संवाद, सम्मान और आपसी समझ के आधार पर शांति बहाली की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने संगठनों से अपील की कि वे हिंसा छोड़कर शांति के रास्ते पर चलें और अपने सपनों को पूरा करें।
विस्थापित लोगों से संवाद
इस दौरे का एक महत्वपूर्ण पहलू प्रधानमंत्री का उन परिवारों से मिलना था जो जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हो गए थे। चुराचांदपुर के शांति मैदान में प्रधानमंत्री ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने उन्हें आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। हिंसा के कारण अब तक 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें लगभग 40 हजार कुकी और 20 हजार मैतेई समुदाय के लोग शामिल हैं। कई लोग राज्य से बाहर चले गए हैं, जबकि शेष लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, जहां जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ है।
पुनर्वास और कौशल विकास की पहल
अधिकारियों ने जानकारी दी कि सरकार विस्थापित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चला रही है। इसमें मोमबत्ती और अगरबत्ती बनाने जैसे कार्य शामिल हैं, जिससे लोगों को आय का स्रोत मिल सके। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि इन प्रयासों को और मजबूती दी जाएगी ताकि विस्थापित परिवार अपनी जिंदगी को दोबारा व्यवस्थित कर सकें।
हिंसा की पृष्ठभूमि और चुनौतियां
मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा ने मणिपुर को गहरे जख्म दिए। अब तक 260 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों घर उजड़ गए। राहत शिविरों में जीवन कठिन है और लोगों में असुरक्षा की भावना बनी हुई है। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह दौरा राज्य में शांति और विकास दोनों की उम्मीद जगाने वाला माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा मणिपुर के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है। विकास परियोजनाओं की सौगात के साथ-साथ शांति का संदेश इस दौरे की सबसे बड़ी उपलब्धि है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि मणिपुर की जनता अकेली नहीं है और उनके सपनों को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

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