बिहार के युवाओं के साथ कल वर्चुअल संवाद करेंगे पीएम मोदी, 62 हज़ार करोड़ की योजनाओं का करेंगे शुभारंभ
पटना। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार की सियासत में हलचल और तेज हो गई है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 अक्टूबर को राज्य के युवाओं के साथ सीधा संवाद करेंगे। वर्चुअल माध्यम से होने वाले इस संवाद में पटना सहित पूरे राज्य में हजारों युवा शामिल होंगे। इसे लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर युवाओं के लिए 62 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संवाद न केवल योजनाओं की घोषणा तक सीमित रहेगा, बल्कि इसका मकसद बिहार के युवा वोटरों तक सीधा संदेश देना भी है। राज्य में बड़ी संख्या में युवा मतदाता हैं और उनकी नाराजगी या समर्थन चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है।
युवाओं पर फोकस: 62 हजार करोड़ की सौगात
प्रधानमंत्री मोदी जिन योजनाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं, उनमें सबसे अहम है पीएम-सेतु योजना। इस योजना के तहत करीब 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और देशभर के 1,000 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) का कायाकल्प किया जाएगा। इसका सीधा फायदा लाखों युवाओं को मिलने की उम्मीद है, क्योंकि उद्योगों की मांग के अनुसार आईटीआई छात्रों को आधुनिक कौशल से लैस किया जाएगा। इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का भी शुभारंभ करेंगे। इस योजना के तहत बिहार के स्नातक पास 5 लाख युवाओं को दो साल तक मासिक भत्ता मिलेगा। इसे बेरोजगार युवाओं को आर्थिक रूप से सहारा देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा
प्रधानमंत्री मोदी बिहार को शैक्षिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी बड़ी सौगात देंगे। वह जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का उद्घाटन करेंगे। यह विश्वविद्यालय उद्योग-उन्मुख सिलेबस और व्यावसायिक शिक्षा पर केंद्रित होगा, जिससे छात्रों को रोजगार-उन्मुख पढ़ाई का अवसर मिलेगा। इसके अलावा बिहार के चार विश्वविद्यालयों में नई शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं की आधारशिला रखी जाएगी। साथ ही, बिहटा में एनआईटी पटना के नए परिसर का लोकार्पण भी इसी अवसर पर किया जाएगा, जो तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
देशव्यापी योजनाओं का भी ऐलान
युवा संवाद के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि देशभर के लिए भी कई घोषणाएं करेंगे। इसमें 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नवोदय विद्यालयों और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन शामिल है। इसके अलावा कौशल दीक्षांत समारोह में देशभर के आईटीआई टॉपर्स को सम्मानित किया जाएगा। इससे केंद्र सरकार के ‘कौशल भारत’ अभियान को और बल मिलेगा।
राजनीतिक संदेश भी अहम
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी का यह संवाद युवाओं को साधने की रणनीति है। बिहार की राजनीति में युवा वर्ग हमेशा से निर्णायक भूमिका निभाता रहा है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य के मतदाताओं में एक बड़ा हिस्सा 18 से 35 वर्ष की उम्र का है। यही वजह है कि भाजपा और एनडीए गठबंधन युवाओं को लुभाने में कोई कोताही नहीं बरतना चाहते। विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम मोदी की इस पहल से युवाओं में सकारात्मक संदेश जाएगा कि सरकार उन्हें रोजगार और कौशल विकास के नए अवसर प्रदान करने के लिए गंभीर है। वहीं विपक्ष इसे चुनावी घोषणा करार देकर हमलावर हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी का 4 अक्टूबर का यह संवाद केवल वर्चुअल कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि इसे बिहार चुनाव से पहले युवा मतदाताओं तक पहुंचने की बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। 62 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का शुभारंभ, नए विश्वविद्यालय, आईटीआई का आधुनिकीकरण और रोजगार-उन्मुख कार्यक्रम सीधे तौर पर युवाओं से जुड़े हैं। अब देखना होगा कि यह पहल चुनावी मैदान में एनडीए को कितना फायदा पहुंचाती है।


