पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार की जातीय जनगणना पर सुनवाई की याचिका खारिज, 3 जुलाई को ही होगी सुनवाई

पटना। बिहार में जातीय गणना पर जल्द सुनवाई की मांग को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। सरकार ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी। अब 3 जुलाई को ही इस मामले में सुनवाई होगी। दो दिन पहले बिहार सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने इस पर जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि सुनवाई जल्द हो ताकि जातीय गणना और आर्थिक सर्वेक्षण कराया जा सके। हाईकोर्ट ने पिछले गुरुवार को जाति आधारित गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक जो डेटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए। मामले पर कोर्ट ने अगली सुनवाई पहले 3 जुलाई की तारीख फिक्स की थी। इस यचिका के जरिए नीतीश सरकार ने हाईकोर्ट से जाति आधारित गणना पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है। जिसके बाद राज्य सरकार के तरफ से दाखिल किए गए इंट्रोलोकेट्री एप्लीकेशन (आईए) पर कोर्ट ने 9 मई को सुनवाई की तारीख तय हुई थी। इसके बाद आज ने सरकार की मांग को खारिज कर दिया है।
जाति गणना का 80% काम पूरा
जाति आधारित गणना का काम 80% पूरा कर लिया गया है, लेकिन उसे 100% करने के लिए और समय की जरूरत है। ऑफलाइन का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है, बाकी आंकड़े को ऑनलाइन कलेक्ट करना है। 7 जनवरी से शुरू हुई गणना 15 मई को खत्म होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। कैबिनेट से पूरी गणना पर 500 करोड़ खर्च करने की मुहर लगी है, लेकिन इसे कानूनी रूप नहीं दिया गया है।

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