छठ पूजा के लिए पटना के 17 छठ घाट खतरनाक घोषित; डीएम ने लोगों से की अपील, देखें पूरी लिस्ट

पटना। बिहार में इसी महीने छठ का महापर्व आने वाला हैं। इस पर्व को लेकर बिहार सरकार भी आयोजन की तैयारीयों में लगी हुई हैं। वही बात करें अगर राजधानी पटना की तो राजधानी पटना में 105 छठ घाटों पर पूजा का आयोजन किया जाएगा। लेकिन इसी बीच पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने राजधानी पटना के लोगों को पटना के खतरनाक छठ घाटों के बारे में जानकारी दी है और उनसे इन घाटों पर छठ पूजा के दौरान ना जाने की अपील की है। जानकारी के मुताबिक अब तक राजधानी पटना के 17 ऐसे घाटों की पहचान की गई है जो की छठ पूजा के लिए उपयुक्त नहीं माने जा रहे हैं और यहां जाना खतरनाक हो सकता है। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जिन 105 घाटों का निरीक्षण किया जा रहा है, उनमें से 17 अब तक अनुपयुक्त पाए गए हैं। दुर्भाग्य से, कुछ महत्वपूर्ण घाट जैसे कलेक्ट्रेट घाट, बांस घाट, एलसीटी घाट, पहलवान घाट और महेंद्रू घाट, राजापुर पुल घाट, मिश्री घाट, टीएन बनर्जी घाट और अंता घाट भी इस वर्ष अनुपयुक्त घाटों की श्रेणी में हैं।
पटना के 17 घाट छठ मनाने लायक नहीं
डीएम ने कहा कि पिछले साल बांस घाट में सबसे ज्यादा लोग आते थे, लेकिन इस साल मिट्टी का कटाव हुआ है और वहां पहुंच मार्ग पर अभी भी चार से पांच फीट पानी है, जिससे यह दुर्गम है। बांस घाट के अलावा, बड़ी संख्या में भक्त वाहनों द्वारा आसानी से पहुंचने के कारण एलसीटी घाट पर उमड़ पड़ते थे। पटना के बाहर के लोग कलेक्ट्रेट घाट के पास डेरा डालते थे और वहां पूजा-अर्चना करते थे। वही जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि खतरनाक घाटों की अंतिम सूची की औपचारिक रूप से घोषणा की जानी बाकी है क्योंकि नदी में पानी अभी भी घट रहा है, जिससे और कीचड़ निकल रहा है। साथ ही बारिश का असर जल स्तर पर भी पड़ेगा। उदाहरण के लिए, गांधी घाट पर जल स्तर 48.60 मीटर से ऊपर है, जिसे खतरनाक माना जाता है। घाटों की स्थिति को देखते हुए और तालाबों और अस्थायी जल निकायों में फुटफॉल में वृद्धि की उम्मीद करते हुए, पटना नगर निगम (पीएमसी) के तहत प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों तरह के 47 ऐसे तालाब तैयार कर रहे हैं।

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