पटना एम्म्स के चिकित्सकों ने सड़क किनारे बेहोश पड़े दिव्यांग युवक की जान बचायी,ट्राई साइकिल पड़ बेहोश पड़े दिव्यांग की जान बचान सड़क पर उतर पड़ी एम्स की मेडिकल इमरजेंसी टीम

>>ट्राई साइकिल पर बेहोश पड़े दिव्यांग की जान बचाने सड़क पर उतर पड़ी एम्स की मेडिकल इमरजेंसी टीम

फुलवारीशरीफ (अजीत)। रविवार को पटना में लॉक डाउन के दहशत के बीच एक मार्मिक और मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली खबर देखने को मिली जब वाल्मी के पास सड़क किनारे लावारिस ट्राई साइकिल पर पड़े एक दिव्यांग युवक को देख एम्स के डॉक्टरों ने उसकी जिंदगी बचाई। डॉक्टरों और अस्पताल के बारे में आम धारणा जो भी रहे कि वहां लंबी लाइन लगानी पड़ती है या काफी टाइम लगने के बाद भी डॉक्टरों से ईलाज का पर्चा बनता है लेकिन पटना एम्स के मेडिकल इमरजेंसी की टीम ने सड़क किनारे लावारिस पड़े एक दिव्यांग यूवक की जान बचाने के लिए जब सड़क पर उतर पड़ी तो डॉक्टरों के बारे में यह धारना गलत साबित होता नजर आया । फुलवारी में एक दिव्यांग यूवक अपनी जिंदगी की आखरी सांसे गिन रहा था । अगर पांच मिनट की भी देरी उसके इलाज शुरू होने में हो जाती तो उसे बचाना मुमकिन नही था। ऐसे में भगवान बनकर उधर से गुजर रहे एम्स के डॉक्टर शमशाद की नजर पड़ी और फिर उस दिव्यांग युवक की जान बचाने के लिए पटना एम्म्स की इमरजेंसी की पूरी टीम सड़क पर उतर पड़ी।
सड़क किनारे ट्राई साइकिल पर युवक बेहोशी की हालत में पड़ा था सब लोग गुजरने वाले उसे देख आगे बढ़ जा रहे थे किसी ने उसकी सुध लेंना मुनासिब नही समझा । ऐसे में पटना एम्स में ड्यूटी पर जा रहे डॉ शमशाद की नजर ट्राई साइकिल पर पड़े दिव्यांग युवक पड़ी तो वे उसके पास गए । डॉ शमशाद ने देखा कि दिव्यांग युवक की सांस चल रही है लेकिन वह बेहोशी में पड़ा था । उसकी जान खतरे में देख डॉ शमशाद ने फौरन एम्स के ट्रामा सेन्टर हेड एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अनील को कॉल किया। डॉ अनिल तुरंत अपनी पूरी टीम के साथ वाल्मी के पास पहुंचे और ट्राई साइकिल पर ही बेहोशी में पड़े युवक का इलाज शुरू कर दिया। युवक अपनी जिंदगी की आखरी सांसे गिन रहा था उसे जरा भी होश नही था। एम्स के चिकित्सकों ने देखा कि दिव्यांग युवक की हालत ऐसी थी कि उसे हॉस्पिटल ले जाने की भी समय नही था। उसकी जान खतरे में देख पूरी मेडिकल टीम ने सड़क किनारे ही इलाज शुरू कर दिया।एम्स के चिकित्सकों की इमरजेंसी टीम सड़क किनारे एक दिव्यांग युवक की जान बचाने में जुटी थी लेकिन लोगो को कुछ समझ मे नही आ रहा था । सड़क से गुजर रहे लोग इस बात से डरे हुये थे कि कहीं यह कोरोना का मरीज तो नही है। पटना एम्म्स के चिकित्सकों की टीम ने दिव्यांग युवक की जान बचाने के लिए जरूरी ईलाज किया और फिर एम्बुलेंस से लेकर एम्म्स पहुंचे। एम्स में ईलाज के बाद इमरजेंसी टीम ने युवक की जान बचा ली। डॉ अनिल ने बताया कि दिव्यांग युवक की जीभ उसके गले मे फसी हुई थी जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। दिव्यांग यूवक के पास अगर मेडिकल इमरजेंसी टीम के पहुंचने में पांच मिनट की भी देर हो जाती तो उसकी जान बचाना मुश्किल था । उन्होंने बताया कि भला हो कि एम्स के डॉ शमशाद की नजर उस दिव्यांग पर पड़ी और उन्होंने पूरी मेडिकल टीम को बुला लिया। दिव्यांग युवक फुलवारी के ही टमटम पडाव का रहने वाला शंकर है जो दिव्यांग है । शंकर और उसके परिवार वालों ने एम्स के चिकित्सकों को भगवान बताते हुए कहा कि डॉक्टर धरती के भगवान यूं ही नही कहे जाते हैं । अगर आज एम्स के डॉक्टर सड़क पर एक लावारिस दिव्यांग को जान बचाने नही पहुंचते तो दिव्यांग शंकर की मौत तय थी
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