दो सौ वर्षों से चली आ रही नीलकंठ देखने की परंपरा को निभा रहे हैं ग्रामीण

दुल्हिन बाजार। पटना जिले के दुल्हिन बाजार प्रखण्ड क्षेत्र स्थित सिंही गांव के ग्रामीणों ने दो सौ वर्षो से चली आ रही दशहरा पर्व के दौरान नीलकंठ देखने की परम्परा को आज भी निभा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार इस परम्परा की शुरुआत जमींदार धीर सिंह के द्वारा आज से दो सौ वर्षों पूर्व किया गया था। स्व. धीर सिंह पांच भाई थे जिनमें एक भाई दुल्हिन बाजार के भरतपुरा, दूसरे पालीगंज के सेहरा, तीसरे खिरिमोड के खनपुरा, चौथे दुल्हिन बाजार के सिंही व पांचवें की जमींदारी कानपुर में थी। सभी भाइयों की जमींदारी 55 सौ एकड़ भूमि पर थी। उस दौरान सभी भाइयों ने इस परंपरा की शुरुआत किया था। बुजुर्गों का कहना है कि दशहरा पर्व के अवसर पर सभी भाई अपने पूरे परिवार के साथ दुल्हिन बाजार के सिंही गांव में आते थे। जहां एक साथ पूरे परिवार के लोग नीलकंठ का दर्शन करते थे। वहीं आज भी दशहरा पर्व के अवसर पर इस गांव के लोग आपसी मतभेद को भूलकर सभी एक साथ नीलकंठ को देखते हैं।
वही परंपरा के बारे मे पूछे जानेे पर ग्रामीणों ने बताया कि हमलोग बेसब्री से इस दिन का इंतजार करते हैं। जबकि अब सभी जमींदार भाइयों के भाई बन्धु सिंही गांव में दशहरा के अवसर पर नहीं आ पाते हैं लेकिन हम गांववालों उस परम्परा को आज भी निभा रहा हूँ।

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