दीपावली पर 59 वर्षो के बाद बना मंगलकारी त्रिवेणी योग, मिलेगा सफलता का वरदान

पटना। कार्तिक कृष्ण अमावस्या 7 नवंबर दिन बुधवार को दीपोत्सव यानि दीपावली का त्योहार पुरे सूबे में धूमधाम से मनाया जाएगा। धनतेरस से शुरू हुए इस दीप उत्सव का पर्व आज अपने चरम पर है। इस वर्ष दीपावली पर कई शुभ फलदायी योग बन रहे है। दीपावली का त्योहार घनतेरस से आरम्भ होकर भाई दूज के दिन समाप्त होता है। उजाला का यह त्योहार पूरे पांच दिनों का त्योहार होता है। इस दिन सभी घर, ऑफिस, कारखानों में मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करने में बिताया जाता है। इस दिन लक्ष्मी-गणेश के साथ कुबेर व सरस्वती की पूजा भी होती है।

कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि दीपावली के दिन पुरे 59 वर्षो के बाद आयुष्मान एवं सौभाग्य योग के साथ स्वाति नक्षत्र होने से मंगलकारी त्रिवेणी योग बन रहा है। इस योग में माता लक्ष्मी की पूजा करने से सुख, समृद्धि, धन-संपदा, ऐश्वर्य और सामर्थ्य में वृद्धि होगी और इसका सकारात्मक असर लंबी अवधि तक रहेगा। त्रिवेणी संयोग इससे पहले सन 1959 में एक नवंबर को पड़ा था। पंडित झा ने कहा बुधवार दिन होने से विध्नहर्ता गणेश के साथ रिद्धि-सिद्धि की विशेष अनुकंपा भी मिलेगी। इस दिन लक्ष्मी पूजा में माता को सुगंधित इत्र, कमल पुष्प, कौड़ी, कमलगट्टा अर्पण करने से प्रसन्न होती होती है और मनचाहा वरदान देती है।

दीपावली पर 59 वर्षो के बाद बना मंगलकारी त्रिवेणी योग, मिलेगा सफलता का वरदान

ज्योतिष विद्वान पं० राकेश झा शास्त्री के अनुसार दीपावली पर बन रहा महामंगलकारी त्रिवेणी संयोग बेहद खास है। मन्यताओं के अनुसार आयुष्मान योग में किए शुभ कार्य लंबे समय तक शुभ फल प्रदान करता हैं और जीवनभर सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वही सौभाग्य प्रदान करने वाला सौभाग्य योग सदा मंगलकारी होता है। इसे भग्योदय करने वाला भी माना गया है। स्वाति 15वां नक्षत्र है। इसका स्वामी राहु यानी अंधकार है। जिस तरह स्वाति नक्षत्र में ओस की बूंद सीप पर गिरती है तो मोती बनती है, ठीक उसी प्रकार इस नक्षत्र में जातक की ओर से किया कार्य उसे सफलता की चमक प्रदान करता है।

सात वर्षों के बाद बना लक्ष्मी योग, पूजन से मिलेगी भौतिक समृद्धि

पटना के प्रकाण्ड विद्वान पंडित राकेश झा ने कहा कि इस वर्ष दीपावली पर पुरे सात वर्षो के बाद लक्ष्मी योग बन रहा है। इस दिन तुला राशि जिसे सुख, समृद्धि तथा वैभव प्रदान करने वाला राशि माना गया है। इस राशि में शुक्र, चन्द्रमा एवं सूर्य तीनो ग्रह विद्यमान रहेंगे। इस तीनो के एक साथ मिलन से दुर्लभ लक्ष्मी योग बन रहा है I पंडित झा ने बताया कि कालपुरुष कुंडली के गणनानुसार दीपावली के दिन तुला राशि में सूर्य नीच का होकर भी अपनी उच्च राशि तथा लग्न मेष को देखेंगे। इसलिए इस स्वास्थ्य वृद्धि कारक योग भी बन रहा है। इसके साथ ही इस योग में माता लक्ष्मी की पूजा-आराधना करने से आरोग्य सुख, भौतिक समृद्धि, मानसिक तथा आत्मिक बल की प्राप्ति होगी।

लक्ष्मी पूजन और दीपदान करने का शुभ मुहूर्त

लाभ योग : प्रातः 6.36 बजे से 7.59 बजे तक तथा दोपहर 4.16 बजे से शाम 5.39 बजे बजे तक

अमृत योग : सुबह 7.59 बजे से 9.22 बजे एवं रात्रि 8.54 बजे से 10.31 बजे तक

शुभ योग : दोपहर 10.44 बजे से दोपहर 12.07 और संध्या 7.16 बजे से रात्रि 8.54 बजे तक

चर योग : दोपहर 2.53 बजे से संध्या 4.16 बजे तक और रात्रि 10.31 बजे से मध्यरात्रि 12.08 बजे तक

स्थिर लग्न में गणेश-लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त:-

वृश्चिक लग्न : प्रातः 7.21 बजे से 9.37 बजे तक

कुम्भ लग्न : दोपहर 1:05 बजे से 2:35 बजे तक

वृषभ लग्न : संध्या 5:41 बजे से रात्रि 7:38 बजे तक

सिंह लग्न : मध्यरात्रि 12.09 से 2.23 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11.11 बजे से दोपहर 11.55 बजे तक

प्रदोषकाल मुहूर्त: संध्या 5.29 बजे से 7.39 बजे तक

महानिशीथ काल मुहूर्त: रात्रि 11.44 बजे से मध्यरात्रि 12.32 बजे तक

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