पप्पू यादव को मिली जमानत, 32 साल पुराने मामले में 12 मई को किया गया था गिरफ्तार

मधेपुरा। 32 साल पुराने अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के आज बड़ी राहत मिली है। उन्हें मधेपुरा अदालत से जमानत दे दी है। जिला जज ने वर्चुअल सुनवाई करते हुए अपना निर्णय दोपहर बाद सुनाया। लगभग दो घंटे तक अपने निर्णय को उन्होंने सुरक्षित रखा। दोपहर बाद जिला जज ने फैसला सुनाते हुए पप्यू यादव को जमानत दे दी।

इससे पहले 29 मई को भी जमानत पर सुनवाई हुई थी। उस दिन एक जून का डेट दिया गया था। वहीं 27 मई को हुई सुनवाई में पप्पू यादव का बेल रिजेक्ट हो गया था। मधेपुरा कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीजेएम प्रथम अनुप कुमार सिंह ने जानकारी के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व सांसद का बेल रिजेक्ट कर दिया है। बेल पिटिशन के लिए पूर्व सांसद के अधिवक्ता मनोज कुमार अम्बष्ठ व सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने अपना पक्ष रखा था।
मालूम हो कि जाप सुप्रीमो सह मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव को अपहरण के एक 32 साल पुराने मामले में कोर्ट ने जेल भेज दिया था। पप्पू यादव पर वर्ष 1989 में सूचक शैलेंद्र यादव ने मुरलीगंज थाना में राम कुमार यादव तथा उमाशंकर यादव के अपहरण किए जाने का मामला दर्ज करवाया था। इसी मामले में पटना पुलिस ने 12 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था।
इसके बाद मधेपुरा पुलिस ने उन्हें यहां लाया। कोर्ट में सुनवाई के बाद उन्हें बीरपुर जेल भेज दिया गया है। जहां पूर्व सांसद की तबीयत खराब होने के कारण दरभंगा इलाज के लिए भेज दिया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद जाप कार्यकर्ता लगातार आंदोलन कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पूर्व सांसद ने राजीव प्रताप रूढ़ी द्वारा छिपाए गए एंबुलेंस प्रकरण को उठाया था, जो पूरे देश में चर्चा में रहा। इसके बाद 32 वर्ष पूर्व एक अपहरण के मामले में पुलिस ने पटना से उनको गिरफ्तार कर लिया।