पालीगंज में सोन नहर में डूबकर किसान की दर्दनाक मौत, शव को एसडीआरएफ ने निकाला, परिवार में कोहराम

पटना। जिले के पालीगंज अनुमंडल से एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। बुधवार को भेहड़िया इंग्लिश गांव निवासी किसान रामानुज यादव की सोन नहर में डूबने से मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब रामानुज यादव नहर पर बने एक अस्थायी बांस के चचरी पुल से गुजर रहे थे। पुल पार करते समय उनका संतुलन बिगड़ गया और वह सीधे नहर में गिर पड़े।
स्थानीय लोगों ने दी पुलिस को सूचना
घटना के तुरंत बाद आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाकर बचाव का प्रयास किया। वहीं, किसी ने इसकी सूचना पालीगंज थाना पुलिस को दी। स्थानीय गोताखोरों को भी बुलाया गया, जिन्होंने रात तक खोजबीन की, लेकिन तेज बहाव के कारण शव नहीं मिल सका। नहर की गहराई और धारा की तीव्रता ने राहत कार्य को और जटिल बना दिया।
एसडीआरएफ की टीम ने बरामद किया शव
गुरुवार की सुबह एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर तलाशी अभियान शुरू किया। अंततः जलपुरा गांव के पास सोन नहर से रामानुज यादव का शव बरामद किया गया। शव को तुरंत अनुमंडल अस्पताल पालीगंज भेजा गया, जहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई।
स्थायी पुल की कमी बनी दुर्घटनाओं की वजह
इस घटना ने एक बार फिर भेहड़िया इंग्लिश गांव और आसपास के इलाकों की बुनियादी समस्याओं को उजागर कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से पक्का पुल नहीं होने के कारण उन्हें बांस से बने चचरी पुल का ही सहारा लेना पड़ता है। यह पुल बारिश और तेज बहाव के समय खतरनाक हो जाता है और इस पर चलना जान जोखिम में डालने जैसा होता है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रशासन से पक्का पुल बनाने की मांग की गई, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
रामानुज यादव अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे। उनके असामयिक निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजन सदमे में हैं और गांव में मातम का माहौल है। गांव के लोगों ने शासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
पालीगंज थानाध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह ने पुष्टि की कि रामानुज यादव की मौत सोन नहर में डूबने से हुई है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम और स्थानीय गोताखोरों की मदद से पहले रातभर खोजबीन की गई थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। गुरुवार सुबह एसडीआरएफ की टीम के सहयोग से शव बरामद किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं प्रशासन के लिए चेतावनी हैं और इस पर जल्द ही विचार होना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे टाले जा सकें। पालीगंज की यह घटना न केवल एक दर्दनाक दुर्घटना है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में बुनियादी संरचनाओं की कमी की सच्चाई को भी उजागर करती है। जब तक पक्के पुल का निर्माण नहीं होगा, तब तक चचरी पुल के सहारे ग्रामीणों की जिंदगी जोखिम में बनी रहेगी। यह जरूरी है कि प्रशासन इस ओर शीघ्र ध्यान दे और स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

You may have missed