विपक्षी दलों की टीम को मिला नया नाम, अब INDIA के नाम से जाना जाएगा महागठबंधन

बेंगलुरु। विपक्षी एकता की दूसरे दिन की बैठक बेंगलुरु में जारी है। 2024 के आम चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दल एक साथ आए हैं। इस बैठक में विपक्षी दलों ने गठबंधन को नया नाम INDIA दिया है। यानी इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस। राजद ने इस नाम की जानकारी सोशल मीडिया पर दी और लिखा कि अब पीएम मोदी को इंडिया कहने में भी पीड़ा होगी। विपक्षी एकता बैठक चार बजे तक चलेगी। इसके बाद सभी दलों के नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इससे पहले 23 जून को पटना में 17 पार्टियां विपक्षी एकता की पहली बैठक में शामिल हुई थीं। पार्टी में फूट के बाद शरद पवार आज सीधे बैठक में शामिल होने बेंगलुरु पहुंचे। मंगलवार को होने वाली बैठक में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, राज्यवार गठबंधन, सीट शेयरिंग के अलावा महागठबंधन के नए नाम पर चर्चा हो सकती है। सभी दलों के साथ कोऑर्डिनेशन के लिए एक संयोजक की नियुक्ति पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी या नीतीश कुमार में से किसी एक को संयोजक बनाया जा सकता है। सोनिया गांधी के नाम पर किसी भी दल को ऐतराज नहीं होगा, क्योंकि वो प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार नहीं होंगी। दावा ये भी किया जा रहा है कि कांग्रेस इस पद को लेकर विवाद की स्थिति में पीछे भी हट सकती है। बैठक से पहले सोमवार को कांग्रेस ने विपक्ष के नेताओं को डिनर पर इनवाइट किया था। कांग्रेस पार्टी के मुताबिक, इसमें 26 दल के नेता शामिल हुए। वही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। खरगे ने कहा कि विपक्ष के विधायकों को बीजेपी में जाने और सरकारें गिराने के लिए रिश्वत दी जा रही हैं।
ममता बनर्जी बोली- देशवासियों के हित में होगा बैठक का नतीजा
विपक्ष की संयुक्त बैठक पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC नेता ममता बनर्जी ने कहा कि यह एक अच्छी, सार्थक बैठक है। इसमें रचनात्मक निर्णय लिए जाएंगे। आज जो चर्चा हुई, उसके बाद का नतीजा इस देश के लोगों के लिए सही हो सकता है।
मुद्दों पर क्या स्टैंड लेना है, अलग-अलग ग्रुप बनेंगे
2024 चुनाव के लिए अपोजिशन पार्टियों की यूनिटी के लिए कन्वेनर बनाया जाएगा। किन मुद्दों को उठाना है और स्टैंड क्या होगा, इसके लिए अलग-अलग ग्रुप बनाए जाएंगे और वही फैसला करेंगे। कॉमन मिनिमम प्रोग्र्म पर भी फैसला इसी तरह होगा। अपोजिशन पार्टियां इस पक्ष में नहीं हैं कि आम चुनाव को मोदी VS अपोजिशन लीडर बनाया जाए। उनका सोचना है कि इस चुनाव को मोदी VS जनता का रूप दे दिया जाए। इसके लिए मौजूदा मुद्दों पर फोकस किया जाए।
भाजपा और मोदी के खिलाफ स्ट्रैटजी
कन्वेनर के अलावा 2-3 ग्रुप बनाने का विचार है। इनके जरिए मोदी के खिलाफ उठाए जाने वाले मुद्दों पर फैसला लिया जाएगा। ये ग्रुप फैसला लेगा कि किन मुद्दों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना है। यह भी फैसला होगा कि किन मुद्दों पर स्टैंड नहीं लेना है, ताकि भाजपा पोलराइजेशन के लिए इनका फायदा ना उठा सके।
2024 के लिए सीट शेयरिंग फॉर्मूला
एक प्रस्ताव यह भी है कि एक ग्रुप बनाया जाए जो राज्यों में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करे। 26 विपक्षी पार्टियों के नेताओं के बीच इतने कम समय में मीटिंग नहीं रखी जा सकती है। ऐसे में एक ग्रुप बनाया जाए जो सभी के बीच कोऑर्डिनेशन करे।
