पटना में सितंबर महीने से पूरी तरह से बंद होगा डीजल बसों का परिचालन, आदेश जारी

पटना। राजधानी पटना में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए में कई स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। डीजल वाहनों से बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए नगर बस सेवा को बंद किया जा रहा है। नगर सेवा में लगी डीजल बसें एक सितंबर से पूरी तरह बंद हो जाएगी। डीजल बसें एक सितंबर से पूरी तरह बंद कर दिया जायेगा। जिसके के लिए सीएनजी बस लेने के लिए 65 डीजल बस मालिकों ने आवेदन दिया है। परिवहन विभाग ने डीजल बस के बदले मूल लागत का 30 प्रतिशत या 7.50 लाख रुपये अनुदान के रूप देने की योजना बनाई है। इस को लेकर परिवहन पदाधिकारी श्रीप्रकाश ने बताया कि आवेदनों की जांच की जाएगी। अधिकतम 7.50 लाख रुपये अनुदान दिया जा सकता है। आकलन के बाद इसकी अनुदान की राशि दी जाएगी। 31 अगस्त के बाद यानी 1 सितंबर से पटना नगर निगम, नगर परिषद दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ क्षेत्र में डीजल वाहन पर रोक लग जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग पटना जिला परिवहन कार्यालय को 121 बसों के लिए अनुदान देने का कोटा निर्धारित किया है। लेकिन अभी तक सिर्फ 65 ही आवेदन आए हैं। वही इससे पहले पटना जिले में कई बस मालिक डीजल बस के बदले सीएनजी बस खरीद ली हैं। बता दें इससे पहले एक सितंबर 2022 को पटना जिले में डीजल चालित आटो के परिचालन पर प्रतिबंध लगाया गया था। उस समय एक साथ 9 हजार डीजल आटो सड़क से हट गई थी। जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि शहर में बायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए डीजल चालित वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जहां इसके साथ माल वाहक आटो परिचालन पर भी रोक लग जाएगा।

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